इलाहाबाद हाई कोर्ट दवारा लखनऊ में नागरिकता संशोधित कानून (CAA) के विरोध में हिंसा और तोड़फोड़ करने वाले दंगाइयों की होर्डिंग हटाए जाने के फैसले का विपक्षी दलों सपा, बसपा और कांग्रेस ने स्वागत किया। कोर्ट ने इस मामले में योगी सरकार को झटका देते हुए जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस कमिश्नर को दंगाइयों की सभी होर्डिंग 16 मार्च तक उतारने का निर्देश दिया है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार ना तो नागरिकों को प्रदत्त निजता के अधिकार की जानकारी रखती है और ना ही उसका संविधान के प्रति सम्मान है। राज्य की जनता इस सरकार से उब चुकी है। हम हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी फैसले का स्वागत किया।
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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे उत्तर प्रदेश सरकार के संविधान विरोधी चेहरे का पर्दाफाश हो गया है। वहीं हाई कोर्ट के इस फैसले पर सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जाफर ने कहा कि फैसला स्वागत योग्य है क्योंकि यह देश के संविधान और न्याय पालिका में हमारी आस्था को मजबूत करता है।
पोस्टरों में सदफ के अलावा पूर्व आईपीएस अधिकारी एस आर दारापुरी का नाम भी है। दारापुरी ने कहा कि इस फैसले से साबित हो गया कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज ही चलेगा ना कि योगी आदित्यनाथ सरकार की अराजकता।