वायु प्रदूषण के चलते उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में पटाखों की बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध के आदेश दिए गए थे। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश की ज्जियां उड़ाते हुए लोगों ने दिवाली की रात खूब पटाखे फोड़े। इसका परिणाम यह हुआ कि लखनऊ में एयर क्वालिटी इंडेक्स आधी रात तक 881 तक बढ़ गया और रविवार सुबह 427 दर्ज किया गया।
राजाजीपुरम इलाके में रविवार सुबह एक्यूआई 752 और नाका हिंद, कैसरबाग और लालबाग इलाकों में एक्यूआई 450 दर्ज की गई, ये सभी ‘खतरनाक’ श्रेणी में दर्ज हुए। ज्यादातर लोगों ने पुलिस वैन को विभिन्न क्षेत्रों में गश्ती करता देख करीब 8 बजे तक पटाखे फोड़ने से परहेज किया। हालांकि, रात 9 बजे के बाद लोगों ने खूब पटाखे फोड़े। कुछ पटाखे हाई डेसिबल वाले भी थे। कानपूर की सड़कों पर पटाखों के खचरे का ढेर नजर आया।
यहां के एक व्यवसायी राकेश खत्री ने 10,000 रुपये के पटाखे फोड़े। उन्होंने कहा, “मैंने प्रतिबंध की घोषणा से बहुत पहले ये पटाखे खरीदे थे। पटाखे का भंडारण करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि हमारे घर में बच्चे हैं इसलिए मुझे उनका इस्तेमाल करना था। जब मेरे पड़ोसियों ने दिवाली पूजा के बाद पटाखे फोड़ना शुरू किया, तभी मैंने भी वही किया।” वहीं प्रतिबंध के बावजूद पटाखों के इस्तेमाल की खबरें कानपुर जैसे शहरों से भी आई हैं, जहां रविवार सुबह एक्यूआई 750 था।
प्रतिबंध की अवहेलना करने वाले अन्य शहरों में मेरठ, मुरादाबाद और पश्चिमी जिलों के कई अन्य शहर शामिल हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रशासन ने प्रतिबंध की अवहेलना करने वाले लोगों पर नजर रखा है और जल्द ही उन लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।