लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

गैंग्स्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद भी बिकरू गांव में दहशत, आरआरएफ की भारी तैनाती

दो दशकों से अधिक समय तक उत्तर प्रदेश में कानपुर के चौबेपुर और आसपास के क्षेत्र में आतंक का साम्राज्य स्थापित रखने वाला दुर्दांत हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे भले ही अतीत बन चुका हो लेकिन बिकरू गांव में उसकी मौत के 30 घंटे बाद तक पसरा सन्नाटा

दो दशकों से अधिक समय तक उत्तर प्रदेश में कानपुर के चौबेपुर और आसपास के क्षेत्र में आतंक का साम्राज्य स्थापित रखने वाला दुर्दांत हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे भले ही अतीत बन चुका हो लेकिन बिकरू गांव में उसकी मौत के 30 घंटे बाद तक पसरा सन्नाटा इस बात की तस्दीक कर रहा है कि उसका खौफ आज भी गांव वालों के जहन में जिंदा है। 
दो जुलाई की काली रात को विकास और उसके गुर्गो के घात लगाकर पुलिस टीम पर हमला किया था जिसके बाद से ही गांव वालों को अंजानी मुसीबत का अहसास हो गया था। गांव में लगभग हर घर के दरवाजे उस दिन से ही बंद है। खेती किसानी का कामकाज ठप पड़ है। सुरक्षाकर्मियों के बूटों की आवाज ही गांव के सन्नाटे को चीर रही है। ग्रामीण सिर्फ पुलिस अधिकारियों के सवालों का जवाब देने के लिये अपने घर के कपाट खोल रहे है हालांकि घर के अंदर टीवी स्क्रीनो पर उन्हे विकास और उसके गुर्गो की हश्र की पल पल की जानकारी मिल रही है। 
बिकरू गांव में आरआरएफ भी तैनात 
विकास के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद भी गांव वालों ने खामोशी की चादर ओढ़ रखी है। गांव में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल के साथ आरआरएफ भी तैनात कर दी गई है। पुलिस गांव की गलियों में घूम घूम कर मुनादी कर रही है कि दो तीन जुलाई की मध्य रात्रि को शहीद पुलिसकर्मियों के हथियार अपराधियों ने लूट लिए गए थे। अगर किसी ने वे हथियार छिपाये हैं तो बाहर निकल कर सूचित करें वरना कानूनी कार्रवाई के लिये तैयार रहें। 
गांव में स्थानीय ग्रामीणों की जगह पुलिसकर्मी व मीडिया के लोग ही ज्यादा नजर आ रहे हैं। विकास की मौत के बाद पुलिस लूटे गए हथियारों की तलाशी भी तेजी से गांव के घर घर में करने की योजना बना रही है जिसके चलते गांव का हर व्यक्ति बात करने से भी अब कतरा रहा है। 
गांव वालों में अब भी खौफ 
बिकरू गांव में सुरक्षा की दृष्टि से जहां लगभग 150 पुलिस के जवान के साथ एक बटालियन आरआरएफ के जवान भी नजर आ रहे हैं। पूरे गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है वहीं विकास के गिरे हुये किलानुमा घर के बाहर पुलिस कर्मियों के साथ आरआरएफ ने भी घेराबंदी कर रखी है। पुलिस के जवान ग्रामीणों से बातचीत करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन दहशत के चलते लोग पुलिस वालों के सामने रोने लगते हैं और पुलिस वाले उन्हें समझाते हुए घटना के बारे में सही जानकारी देने के लिए कह रहे हैं पर अभी भी गांव वाले अपराधी विकास दुबे के खिलाफ बोलने से डर रहे हैं।
500 लोगों के मोबाइल सर्विलांस पर और 200 पुलिसकर्मी एसटीएफ की रडार पर है 
कानपुर पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अपराधी विकास दुबे के मारे जाने के बाद भी पुलिस/एसटीएफ की रडार पर बहुत सारे स्थानीय ग्रामीणों के साथ-साथ आसपास के गांव के लोग भी हैं। लगभग 500 लोग ऐसे हैं जिनके मोबाइल सर्विलांस पर लगाकर पुलिस जांच पड़ताल कर रही है तो वही 200 पुलिसकर्मी ऐसे हैं जो एसटीएफ की रडार पर हैं और एसटीएफ उनके बारे में भी जानकारी कर रही है। 
बताया जा रहा है इन पुलिसकर्मियों के भी नंबर सर्विलांस पर लगे हुए हैं और सीडीआर के माध्यम से विकास और इनके संबंधों की जानकारी करी जा रही है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि घटना के दिन से लेकर आज तक गांव के हर मकान की सघन चेकिंग चलाई गई है और गांव के हर व्यक्ति से दो से तीन बार पूछताछ भी की गई है और विकास दुबे से जुड़े लोगों की भी जानकारी गांव वालों से जुटाई जा रही है। इस दौरान गांव के कई ऐसे लोग हैं जिन पर पुलिस को अभी भी शक है जिसके चलते कुछ मकानों में पुलिस ने नाकाबंदी कर रखी है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

3 × one =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।