प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज परेड मैदान में लगभग 27 हजार दिव्यांगजन व वृद्घजन को उपकरण वितरित किया। नरेंद्र मोदी ने कहा कि वरिष्ठ जन हों, दिव्यांगजन या आदिवासी हों, दलित-पीड़ित, शोषित, वंचित हों, 130 करोड़ भारतीयों के हितों की रक्षा करना, उनकी सेवा करना, हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
इस दौरान मोदी ने कहा, “पहले कि सरकारों के समय इस तरह के कैंप बहुत ही कम लगा करते थे और इस तरह के मेगा कैंप तो गिनती के होते थे। बीते 5 साल में हमारी सरकार ने देश के अलग-अलग इलाकों में करीब 9,000 कैंप लगवाए हैं क्योंकि 130 करोड़ भारतीयों के हितों की रक्षा करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में है।”
उन्होंने कहा, “दिव्यांगों पर यदि कोई अत्याचार करता है या मजाक उड़ाता है तो उससे जुड़े नियमों को भी सख्त किया गया है। दिव्यांगों की नियुक्ति के लिए विशेष अभियान चले और आरक्षण तीन फीसद से बढ़ाकर चार फीसद कर दिया गया। उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिले का तीन फीसद से आरक्षण बढ़ाकर पांच फीसद कर दिया गया है। दो लाख साथियों को स्किल ट्रेनिंग दी है। हर क्षेत्र में दिव्यांगजनों की भागीदारी जरूरी है। चाहे उद्योग हो या खेल का मैदान।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि थोड़ी देर पहले यहां करीब 27 हजार साथियों को उपकरण दिए गए हैं। किसी को ट्रायसाइकिल मिली है, किसी को सुनने की मशीन मिली है, व्हीलचेयर मिली है। तीर्थराज, प्रयागराज में आकर हमेशा ही एक अलग पवित्रता और ऊर्जा का एहसास होता है। मोदी ने कहा, “मुझे याद है, पिछले साल फरवरी में, लगभग यही समय था जब मैं कुंभ के दौरान यहां आया था। आपके प्रधान सेवक के तौर पर, मुझे हजारों दिव्यांग-जनों और बुजुर्गों, वरिष्ठ जनों की सेवा करने का अभी अवसर मिला है।”
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उन्होंने कहा, “मैं मानता हूं कि ये उपकरण आपके बुलंद हौसलों के सहयोगी भर हैं। आपकी असली शक्ति तो आपका धैर्य है, आपका सामथ्र्य है, आपका मानस है।”प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के पांच साल में जहां दिव्यांगजनों को 380 करोड़ रुपए से भी कम के उपकरण बांटे गए, वहीं हमारी सरकार ने 900 करोड़ रुपए से ज्यादा के उपकरण बांटे हैं। यानि करीब-करीब ढाई गुना। बीते चार-पांच वर्षों में देश की सैकड़ों इमारतें, 700 से ज्यादा रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, दिव्यांगजनों के लिए सुगम्य बनाई जा चुकी हैं। जो बची हुई हैं, उन्हें भी सुगम्य भारत अभियान से जोड़ा जा रहा है।
उन्होंने कहा, “नए भारत के निर्माण में हर दिव्यांग युवा, दिव्यांग बच्चे की उचित भागीदारी आवश्यक है। चाहे वो उद्योग हों, सेवा का क्षेत्र हो या फिर खेल का मैदान, दिव्यांगों के कौशल को निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है। सीनियर सिटिजन्स के जीवन से इस परेशानी को कम करने के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं।” मोदी ने कहा कि ये उपकरण जो आपको मिल रहे हैं, वह आपके हौसलों के सहयोगी भर हैं। लेकिन आपका जीवन, आपका हौसला, हिम्मत प्रेरणा का कारण है।