प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रावस्ती के महान योद्धा राजा सुहेलदेव की 4.20 मीटर ऊंची प्रतिमा के निर्माण समेत स्मारक का वीडियो कांफ्रेंस के जरिये बसंत पंचमी के दिन मंगलवार को शिलान्यास करेंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह बहराइच स्थित कार्यक्रम स्थल चित्तौरा में इस दौरान मौजूद रहेंगे।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, प्रधानमंत्री वीडियो कांफ्रेंस के जरिये मंगलवार को बहराइच की चित्तौरा झील के विकास कार्यों का शिलान्यास करेंगे। यह कार्यक्रम महाराजा सुहेलदेव की जयंती के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश के बहराइच में आयोजित किया जा रहा है। इसमें महाराजा सुहेलदेव की एक घोड़े पर सवार प्रतिमा की स्थापना, कैफेटेरिया, अतिथि गृह और बच्चों के पार्क जैसी विभिन्न पर्यटक सुविधाओं को शामिल किया गया है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी 16 फरवरी को डिजिटल माध्यम से बहराइच जिले में महाराजा सुहेलदेव स्मारक तथा चित्तौरा झील की विकास योजना का शिलान्यास करेंगे। साथ ही, प्रधानमंत्री महाराजा सुहेलदेव स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय एवं महर्षि बालार्क चिकित्सालय, बहराइच का लोकार्पण भी करेंगे। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहराइच से सम्मिलित होंगे। सूचना एवं संस्कृति विभाग द्वारा विस्तृत कार्य योजना बनाकर महाराज सुहेलदेव के शौर्य, बलिदान एवं अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं से संबंधित पुस्तकों एवं अभिलेखों का डिजिटल संस्करण तैयार किया जायेगा।
भाजपा प्रदेश मुख्यालय से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, स्वतंत्र देव सिंह मंगलवार को चित्तौरा में आयोजित महाराजा सुहेलदेव स्मारक भूमिपूजन कार्यक्रम तथा विभिन्न विकास योजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मौजूद रहेंगें। महाराजा सुहेलदेव के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने 11वीं शताब्दी में महमूद गज़नवी के सेनापति सैयद सालार गाजी को मार गिराया था। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने इसे वर्ष 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र आयोजित कार्यक्रम करार देते हुए रविवार को कहा कि पंचायत चुनाव से पहले मतदाताओं को लुभाने के लिए भाजपा महाराजा सुहेलदेव का नाम भुनाने की कोशिश में है।
सुभासपा के अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा, ‘‘आने वाले महीनों में प्रदेश में पंचायत चुनाव होने वाले हैं और उसके बाद विधानसभा चुनाव होंगे। प्रदेश के 18 जिलों के जाट किसानों ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है, इसलिए इस पार्टी ने अब राज्य के पूर्वी हिस्सों पर अपनी नजरें गढ़ा दी हैं, जहां राजभर मतदाताओं का दबदबा है। भाजपा सुहेलदेव के नाम पर वोट की खेती करना चाहती है।’’