प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कई परियोजाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इसी चरण में उन्होंने सांस्कृतिक, कला और हस्तशिल्प प्रदर्शनी “काशी एक रूप अनेक” का उद्घाटन किया। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मौजूद रहीं।
“काशी एक रूप अनेक” प्रदर्शनी में प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, काशी में आज यह मेरा तीसरा कार्यक्रम है, पहला आध्यात्मिक केंद्र में था, दूसरा आधुनिक केंद्र में था और अब मैं स्व-रोजगार के केंद्र में हूं। इससे यह साबित होता है कि ‘काशी एक है पर इसके रूप अनेक है’।
उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश से उत्पादों को ऑनलाइन उपलब्ध कराने और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच बनाने के प्रयास से देश को लाभ होगा। मुझे जानकारी मिली है कि पिछले 2 वर्षों में उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिज़ाइन (यूपीआईडी) ने राज्य के 30 जिलों में 3500 शिल्पकारों और बुनकरों को डिज़ाइन-संबंधित कलाकृति में सहायता प्रदान की है। साथ ही शिल्प उत्पादों में वृद्धि के लिए, 1000 कारीगरों को टूल-किट दी गई है।
देश में पहली बार, एक राष्ट्रीय रसद नीति तैयार की जा रही है। यह सिंगल विंडो ई-लॉजिस्टिक्स बाजार के निर्माण की ओर ले जाएगा। पीएम मोदी ने कहा, बदलती दुनिया, बदलते समय, बदलती मांग के अनुसार इन उत्पादों में भी ज़रूरी बदलाव करें। इसके लिए इन पारंपरिक उद्योगों से जुड़े साथियों को ट्रेनिंग, आर्थिक मदद, नई तकनीक और मार्केटिंग की सुविधा देनी बहुत ज़रूरी है।
इस बार का जो बजट है, उसने भी सरकार की प्राथमिकताओं को स्पष्ट कर दिया है। सिर्फ इस साल के लिए नहीं बल्कि आने वाले 5 वर्षों के लिए छोटे और माध्यम उद्योगों के विकास का एक खाका खींचा गया है। कपड़े के कच्चे माल पर एंटी डंपिंक ड्यूटी को इस बजट खत्म कर दिया गया है। दशकों से कपड़ा उद्योग से जुड़े लोग इसकी मांग कर रहे थे, लेकिन हमारी सरकार ने उस काम को पूरा कर दिया है।