बिहार विधानसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान के साथ उत्तर प्रदेश की आठ विधानसभा सीटों के लिये होने वाले उपचुनाव के लिये भी राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। उपचुनाव की तारीख की घोषणा 29 सितम्बर को निर्वाचन आयोग की बैठक में की जा सकती है।
राज्य की जिन आठ विधानसभा सीट पर उप चुनाव होने है, उनमे से 2017 के विधानसभा चुनाव में छह पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विजय हासिल की थी जबकि दो सपा के पास थी। अमरोहा जिले की नौगावां सादात, बुलंदशहर,रामपुर की स्वार, फिरोजाबाद की टूंडला, कानपुर नगर की घाटमपुर, देवरिया जिले की देवरिया सदर,जौनपुर जिले की मल्हनी तथा उन्नाव जिले बांगरमऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होंगे।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ ने कहा कि निर्वाचन आयोग की कई टीमों ने बीते तीन-चार महीने में बिहार के साथ ही उत्तर प्रदेश विधानसभा उप चुनाव को लेकर काफी तैयारी की है। उप चुनाव के लिए राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ ही वहां के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से भी तैयारियों के संबंध में जानकारी प्राप्त कर ली है। इस बार चुनाव कोविड प्रोटोकॉल के तहत होगा। इस बार नये सुरक्षा मानकों के तहत चुनाव कराना काफी चुनौती भरा काम है।
उत्तर प्रदेश में जिन आठ सीटों पर चुनाव होने हैं उसमें से पांच में निर्वाचित भाजपा विधायक कमल रानी वरुण, वीरेंद, सिरोही, जन्मेजय सिंह, चेतन चौहान और सपा के पारसनाथ यादव का निधन हो चुका है जबकि सपा के कब्जे वाली रामपुर के स्वार सीट से गलत दस्तावेज लगाने पर आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम खां की सदस्यता जा चुकी है। बांगरमऊ विधानसभा सीट में भाजपा से निष्कासित कुलदीप सिंह सेंगर के सजायाफ्ता होने के कारण उनकी सदस्यता चली गयी। टूण्डला विधानसभा सीट से एसपी सिंह बघेल के सांसद बनने के बाद सीट खाली हुई है। अब यहां भी उपचुनाव होना है।