राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार को उत्तर प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। कार्यक्रम से पहले रामनाथ कोविंद अपने जन्म स्थान कानपुर देहात जिले के परौंख गांव में पहुंचे। पुलिस अधीक्षक के जन संपर्क अधिकारी ने बताया कि पटेल और आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति कोविंद का उनके पैतृक गांव परौंख में स्वागत किया। कोविंद अपनी पत्नी और बेटी के साथ पथरी देवी मंदिर गए, जहां उन्होंने पूजा-अर्चना की। राष्ट्रपति ने अपनी मातृभूमि को झुककर नमन किया और उसकी मिट्टी को माथे पर लगाया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद परौंख गांव में जन अभिनंदन समारोह में हिस्सा लिया। इस समारोह में उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी हिस्सा लिया।उन्होंने कहा कि मैंने सपने में भी कभी कल्पना नहीं की थी कि गांव के मेरे जैसे एक सामान्य बालक को देश के सर्वोच्च पद के दायित्व-निर्वहन का सौभाग्य मिलेगा। लेकिन हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था ने यह कर के दिखा दिया। राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता सेनानियों और संविधान निर्माताओं को भी श्रद्धांजलि दी और कहा, ‘‘आज मैं जहां भी पहुंचा हूं, उसका श्रेय इस गांव की मिट्टी, इस क्षेत्र और आपके प्यार एवं आशीर्वाद को जाता है। बुजुर्गों को माता-पिता की तरह सम्मान देना हमारे संस्कार हैं और मुझे खुशी है कि हमारे परिवार में बड़ों को सम्मान देने की यह परंपरा अब भी जारी है।’’
कोविंद ने कहा, “मैं कहीं भी रहूं, मेरे गांव की मिट्टी की खुशबू और मेरे गांव के लोगों की यादें हमेशा मेरे दिल में बसी रहेंगी। परौंख गांव मेरी ‘मातृभूमि’ है, जहां से मुझे देश सेवा करने की प्रेरणा मिलती रही है।”राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ ‘मातृभूमि’ से मिली इस प्रेरणा ने मुझे उच्च न्यायालय से उच्चतम न्यायालय, उच्चतम न्यायालय से राज्य सभा, राज्य सभा से राजभवन और राजभवन से राष्ट्रपति भवन तक पहुंचाया है।’’