उत्तर प्रदेश प्राइमरी एजुकेशन एसोसिएशन ने शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। हालांकि हाई कोर्ट के फैसले का पालन लरते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने आंसर की को अपलोड कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
इस बीच प्राइमरी एजुकेशन एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने या उसे रद्द करने की मांग की है। इससे पहले राज्य सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दाखिल की गई है, जिसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट उसका पक्ष सुने बिना इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर कोई आदेश जारी न करे।
इस मामले में हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने अपना फैसला सुनाया था। उसके बाद राज्य में बेसिक एजुकेशन काउंसिल के स्कूलों में सहायक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की बड़े पैमाने पर होने वाली भर्ती लटकी हुई थी। ऐसा कटऑफ मार्क्स से संबंधित विवाद के कारण था।
इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार के कटऑफ बढ़ने के फैसले को सही बताया था। इसके अलावा इस भर्ती प्रक्रिया को तीन महीने के अंदर पूरा करने का आदेश भी दिया है।ब ता दें कि पिछले साल शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित हुई थी। जिसमें चार लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
इस परीक्षा के बाद राज्य सरकार ने भर्ती के लिए सामान्य वर्ग में 65 फीसदी और आरक्षित वर्ग में 60 फीसदी अंक तय किए थे। सरकार के इस फैसले को शिक्षा मित्रों ने हाईकोर्ट में चैलेंज किया था। लेकिन हाई कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था।