कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में 69000 बेसिक शिक्षकों की भर्ती के मामले की तुलना मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले से की है। प्रियंका ने सोमवार को किए गए सिलसिलेवार ट्वीट में यह कहा कि 69000 शिक्षकों की भर्ती का घोटाला उत्तर प्रदेश का व्यापमं घोटाला है।
..मेहनत करने वाले युवाओं के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। सरकार अगर न्याय नहीं दे सकी तो इसका जवाब आंदोलन से दिया जाएगा। 2/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 8, 2020
उन्होंने कहा “इस मामले में गड़बड़ी के तथ्य सामान्य नहीं हैं। डायरियों में छात्रों के नाम, धन का लेनदेन, परीक्षा केंद्रों में बड़ी हेरफेर, इन गड़बड़ियों में रैकेट का शामिल होना, ये सब दर्शाता है कि इसके तार काफी जगहों पर जुड़े हैं।” कांग्रेस महासचिव ने राज्य सरकार को आगाह किया “मेहनत करने वाले युवाओं के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। सरकार अगर न्याय नहीं दे सकी तो इसका जवाब आंदोलन से दिया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि “68500 भर्ती मामले में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी। युवाओं के आवाज उठाने के बाद पुनर्मूल्यांकन में लगभग 5000 अभ्यर्थी पास हुए थे। अब 69000 में भी भारी हेरफेर सामने आई है। सरकार को युवाओं की आवाज को भर्ती प्रक्रियाओं में भ्रष्टाचार खत्म करने की मांग के बतौर देखना चाहिए।”
दिल्ली-NCR में एक बार फिर आया भूकंप, अप्रैल से अब तक 14 बार हिली धरती
गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गत 3 जून को प्रदेश में 69000 बेसिक शिक्षकों की भर्ती संबंधी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। न्यायमूर्ति आलोक माथुर की अदालत का कहना था कि परीक्षा के दौरान पूछे गए कुछ प्रश्न गलत थे लिहाजा केंद्रीय अनुदान आयोग द्वारा इसकी फिर से पड़ताल किए जाने की जरूरत है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक विशेष याचिका दाखिल कर उत्तर प्रदेश में 69000 बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रोके जाने के फैसले को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति पंकज जायसवाल और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ राज्य सरकार की ओर से परीक्षा नियामक आयोग (ईआरए) द्वारा दाखिल की गई इस याचिका पर आगामी 9 जून को सुनवाई करेगी।