उप्र सरकार के राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल द्वारा मस्जिद के लाउडस्पीकर के ध्वनि को नियंत्रित करने के लिये लिखे गये पत्र के बाद जिला प्रशासन ने बुधवार को यह स्पष्ट किया है कि सभी सार्वजनिक स्थलों पर उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय और प्रदेश शासन के निर्देशों का पालन कराया जाएगा ।
बलिया की जिलाधिकारी अदिति सिंह ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर की आवाज तय करने को लेकर उत्तर प्रदेश के मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल के पत्र पर ‘‘उचित कार्रवाई’’ की जाएगी। सिंह ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय और प्रदेश शासन द्वारा समस्त सार्वजनिक स्थलों पर ध्वनि विस्तारक यंत्र के मानक को लेकर समय समय पर दिशानिर्देश दिए गए हैं। इसके अनुपालन के लिए उप जिलाधिकारी व थानाध्यक्ष को निर्देश दिए गए हैं।’’
शुक्ल के पत्र को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि शिकायत पर ‘‘उचित कार्रवाई’’ की जाएगी। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य राज्यमंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल ने बलिया में स्थित मस्जिदों में लाउडस्पीकर की ध्वनि नियंत्रित करने व अधिक लगाए गए लाउडस्पीकर को हटाने के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा था कि उन्हें स्वयं मस्जिदों में लाउडस्पीकर से हो रहे प्रदूषण के कारण शासकीय दायित्व के निर्वहन में बाधा आती है।
राज्यमंत्री ने पत्र में लिखा कि मस्जिदों में नमाज के दौरान अजान, दिन भर लाउडस्पीकर के माध्यम से धार्मिक प्रचार-प्रसार, मस्जिद निर्माण के लिए चंदा एकत्र करने एवं विभिन्न प्रकार की सूचनाओं को अत्यधिक तेज आवाज में प्रसारित किया जाता है, जिससे छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन एवं बच्चों, वृद्ध व बीमार लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जनसामान्य को अत्यधिक ध्वनि प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है।
शुक्ल ने कहा था, ‘‘नमाज दिन में पांच बार पढ़ी जाती है…इसके परिणामस्वरूप मुझे योग, ध्यान, पूजा और सरकारी कार्यों को करने में दिक्कत आती है।’’ वह अपने क्षेत्र में स्थित मदीना मस्जिद काजीपुरा का हवाला दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मस्जिद के आसपास कई स्कूल हैं और तेज आवाज के कारण छात्रों की पढ़ाई में व्यवधान उत्पन्न होता है। उन्होंने कहा कि बलिया में लाउडस्पीकर की आवाज इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक तय की जानी चाहिए।
इससे पहले इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति संगीता श्रीवास्तव ने भी इसी तरह की शिकायत की थी। श्रीवास्तव ने कुछ दिनों पहले जिलाधिकारी से शिकायत की थी कि ‘अजान’ के कारण प्रतिदिन अहले सुबह उन्हें उठना पड़ता है और अधिकारी से इस पर कार्रवाई करने की अपील की थी।