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विकास दुबे के एनकाउंटर पर राहुल गांधी का शायराना तंज- ‘कई जवाबों से अच्छी खामोशी उसकी’

राहुल ने ट्वीट कर कहा “कई जवाबों से अच्छी है खामोशी उसकी, न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली।”

कुख्यात अपराधी एवं कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले का मुख्य आरोपी विकास दुबे शुक्रवार सुबह कथित पुलिस मुठभेड़ मे मारा गया। विकास दुबे की मौत के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इसी क्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर विकास दुबे के एनकाउंटर मामले पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ‘कई जवाबों से अच्छी है खामोशी उसकी’। वहीं राहुल  ने अपने ट्वीट में एनकाउंटर को लेकर कोई जिक्र नहीं किया।

राहुल ने ट्वीट कर कहा “कई जवाबों से अच्छी है खामोशी उसकी, न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली।”

वहीं दुबे की कथित मुठभेड़ में मारे जाने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को सवाल किया कि अपराधी का अंत हो गया, लेकिन अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या होगा। इस घटनाक्रम पर समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि यह कार पलटी नही है, राज खुलने से, सरकार पलटने से बचायी गयी है ।
दुबे के कथित मुठभेड़ में मारे जाने पर प्रदेश की एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री तथा बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने कहा कि पूरे मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में निष्पक्ष जांच होनी चाहिये । इस बीच घटनाक्रम पर कांग्रेस ने सवाल किया कि दुबे के पास ऐसे क्या राज थे जो शासन से गठजोड़ को उजागर करते। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा किया कि कई लोगों ने ऐसी आशंका जताई थी कि दुबे मुठभेड़ में मारा जाएगा।
सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘‘अगर उसे भागना ही था, तो उसने उज्जैन में आत्मसमर्पण ही क्यों किया? उस अपराधी के पास क्या राज थे जो सत्ता-शासन से गठजोड़ को उजागर करते? पिछले 10 दिनों की कॉल डिटेल जारी क्यों नहीं की जाए?’’
गौरतलब है कि बिकरू कांड के बाद से उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ हुई अलग-अलग मुठभेड़ों में दुबे के गिरोह के पांच सदस्य मारे गये हैं। तीन जुलाई की सुबह ही बिकरू गांव में हुई मुठभेड़ में प्रेम प्रकाश पांडेय और अतुल दुबे मारे गये थे । आठ जुलाई को हमीरपुर के मौदहा में पुलिस ने 50 हजार रुपये के इनामी बदमाश और विकास के खास अमर दुबे को मार गिराया था।वहीं नौ जुलाई को कानपुर मुठभेड़ में कार्तिकेय उर्फ प्रभात जबकि इटावा मुठभेड़ में प्रवीण उर्फ बउवा दुबे मारा गया।

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