उत्तर प्रदेश से छुट्टी नहीं मिलने पर आत्महत्या करना का मामला सामने आया है। कानपुर में छुट्टी ना मिलने पर एक रेलवे ट्रैकमैन ने रेलवे ट्रैक पर लेटकर अपनी जान दे दी। घटना के बाद साथी कर्मचारियों ने इस पर जमकर हंगामा काटा। वहीं इस मामले पर जिम्मेदार रेलवे अधिकारियों का कहना है जांच निष्पक्ष कराई जा रही है और हर बिंदु पर जिम्मेदार अधिकारी निगाह बनाए हुए हैं।
दरअसल, मृतक रेलवे ट्रैकमैन की पहचान फतेहपुर जिले के भटपुरवा गांव निवासी रमेश सिंह के रूप में हुई है, जो साल 2015 में रेलवे में शामिल हुआ था। वह 19 फरवरी को अपनी पत्नी अर्चना देवी के साथ एक शादी में शामिल होने वाला था। लेकिन उसको छुट्टी नहीं दी गई।
छुट्टी नहीं मिलने से नाराज रमेश रेल ट्रैक पर लेट गया। ट्रैन की चपेट में आने से उसका शरीर दो टुकड़ों में बट गया, जिसके बाद भी वह आश्चर्यजनक रूप से कुछ मिनटों तक जीवित रहा। वह दर्द से चिल्लाया नहीं, बल्कि चुपचाप पटरियों पर लेटा रहा। वहां जमा भीड़ ने उसका वीडियो बनाया और उससे आत्महत्या के पीछे का कारण पूछा।
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वीडियो में उसे अपने साथियों को बताते हुए सुना जा सकता है, “मुझे अपने साले की शादी में शामिल होना था। लेकिन मुझे छुट्टी नहीं दी गई और इसके बाद उसकी मौत हो गई।” रेलवे अधिकारियों के अनुसार, उन्हें सोमवार शाम को पनकी नगर रेलवे स्टेशन पर रमेश के ट्रेन से कुचले जाने की सूचना मिली।
उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवम शर्मा ने कहा कि प्रयागराज मंडल के डीआरएम एसके सिंह ने मामले की जांच करने और 72 घंटे में रिपोर्ट देने के लिए एक समिति का गठन किया है। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को 25,000 रुपये दिए गए हैं और आगे 24.75 लाख रुपये उचित समय पर परिवार को प्रदान किए जाएंगे। रेलवे कर्मचारी संघ के एक सदस्य ने कहा कि रमेश एक साफ-सुथरे ट्रैक रिकॉर्ड वाले एक साधारण व्यक्ति थे। रेलवे की नौकरी में काम का अत्यधिक दबाव होता है।