लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लखनऊ में आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र की आधारशिला रखी

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को लखनऊ दौरे के दौरान ऐशबाग में भारत रत्न डॉक्टर भीमराव आंबेडकर मेमोरियल एवं सांस्कृतिक सेंटर की आधारशिला रखी।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को लखनऊ दौरे के दौरान ऐशबाग में भारत रत्न डॉक्टर भीमराव आंबेडकर मेमोरियल एवं सांस्कृतिक सेंटर की आधारशिला रखी। राष्ट्रपति ने यहां लोक भवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा की मौजूदगी में केंद्र की नींव रखी।
राष्ट्रपति ने कहा, ” बाबा साहब भारतीय संविधान के शिल्पकार होने के अलावा, हमारे बैंकिंग, इरिगेशन, इलेक्ट्रिसिटी सिस्टम, लेबर मैनेजमेंट सिस्टम, रेवेन्यू शेयरिंग सिस्टम, शिक्षा व्यवस्था आदि सभी क्षेत्रों पर डॉक्टर आंबेडकर के योगदान की छाप है। बाबा साहब के ‘विजन’ में चार बातें सबसे महत्वपूर्ण रहीं हैं। ये चार बातें हैं-नैतिकता, समता, आत्म-सम्मान और भारतीयता। इन चारों आदशरें तथा जीवन मूल्यों की झलक बाबासाहब के चिंतन एवं कार्यों में दिखाई देती है। उनकी सोच समता और समरसता पर आधारित थी।”
उन्होंने कहा, ” भगवान बुद्ध के विचारों का भारत की धरती पर इतना गहरा प्रभाव है कि भारतीय संस्कृति के महत्व को न समझने वाले साम्राज्यवादी लोगों को भी महात्मा बुद्ध से जुड़े सांस्कृतिक आयामों को अपनाना पड़ा। डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने भगवान बुद्ध के विचारों को प्रसारित किया। उनके इस प्रयास के मूल में करुणा, बंधुता, अहिंसा, समता और पारस्परिक सम्मान जैसे भारतीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने का और सामाजिक न्याय के आदर्श को कार्यरूप देने का उनका उद्देश्य परिलक्षित होता है।”
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ” बाबासाहब, आधुनिक भारत के निर्माण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका के पक्षधर थे। वे महिलाओं को समान अधिकार दिलाने के लिए सदैव सक्रिय रहे। बाबासाहब द्वारा रचित हमारे संविधान में आरंभ से ही मताधिकार समेत प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं को समान अधिकार प्रदान किए गए हैं।”
राष्ट्रपति ने कहा कि लखनऊ शहर से बाबासाहब आंबेडकर का भी एक खास संबंध रहा है, जिसके कारण लखनऊ को बाबा साहब की ‘स्नेह-भूमि’ भी कहा जाता है। बाबासाहब के लिए गुरु-समान, बोधानन्द जी और उन्हें दीक्षा प्रदान करने वाले भदंत प्रज्ञानन्द जी, दोनों का निवास लखनऊ में ही था।उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा बाबासाहब से जुड़े महत्वपूर्ण स्थानों को तीर्थ-स्थलों के रूप में विकसित किया गया है। महू में उनकी जन्म-भूमि, नागपुर में दीक्षा-भूमि, दिल्ली में परिनिर्वाण-स्थल, मुंबई में चैत्य-भूमि तथा लंदन में ‘आंबेडकर मेमोरियल होम’ को तीर्थ-स्थलों की श्रेणी में रखा गया है। उन्होंने कहा कि बाबासाहब के जीवन-मूल्यों और आदशरें के अनुरूप समाज व राष्ट्र का निर्माण करने में ही हमारी वास्तविक सफलता है। इस दिशा में हमने प्रगति अवश्य की है लेकिन अभी हमें और आगे जाना है।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते उप्र कैबिनेट ने ऐशबाग में आंबेडकर स्मारक सांस्कृतिक केंद्र के निर्माण के लिए राज्य के सांस्कृतिक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। स्मारक ऐशबाग ईदगाह के सामने 5493.52 वर्ग मीटर नजूल भूमि पर बनेगा और इसमें डॉ अंबेडकर की 25 फीट ऊंची प्रतिमा भी होगी। 45.04 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले स्मारक में 750 लोगों की क्षमता वाला एक सभागार, पुस्तकालय, अनुसंधान केंद्र, चित्र गैलरी, संग्रहालय, एक बहुउद्देश्यीय सम्मेलन केंद्र, कैफेटेरिया, छात्रावास और अन्य सुविधाएं भी होंगी। सांस्कृतिक विभाग जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर सकता है।
इस मौके पर राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि हम सभी के लिए यह गौरव की बात है कि देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कर कमलों से संविधान निर्माता भारत रत्न डॉक्टर भीमराव आंबेडकर मेमोरियल एवं सांस्कृतिक सेंटर का शिलान्यास हो रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि यह स्मारक हमारे युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत होगा। हमारे संविधान के शिल्पकार बाबा साहेब पूरे देश के लिए सम्मान के प्रतीक हैं और उनका नाम स्वर्णाक्षरों में लिखा गया है। राज्यपाल ने राष्ट्रपति और देश की प्रथम महिला का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह सच है कि बाबा साहब द्वारा गढ़े गये संविधान के कवच से देश के सभी वर्ग सुरक्षित हैं। हमें यह याद रखना है कि बाबा साहब का जीवन प्रतिमा संघर्षों की गाथा है। उन्होंने आंबेडकर मेमोरियल की स्थापना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की सराहना की।
मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने अपने संबोधन में राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए कहा कि भारत के संविधान के शिल्पी के रूप में हम सब बाबा साहब डाक्टर भीम राव आंबेडकर का स्मरण करते हैं और केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में जब भी वंचितों, दलितों और समाज के अंतिम पायदान के व्यक्ति की आवाज की बात होगी तो बाबा साहब का नाम पूरे सम्मान के साथ लिया जाएगा। योगी ने कहा कि आज ही के दिन बाबा साहब ने 93 वर्ष पहले 1928 में ‘समता’ नामक साप्ताहिक पत्र की शुरुआत की थी और देश के अंदर समतामूलक समाज की स्थापना की लड़ाई का शुभारंभ किया था। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित डॉक्टर भीमराव आंबेडकर मेमोरियल एवं सांस्कृतिक सेंटर का शुभारंभ बाबा साहब की स्मृतियों को जीवंत बनाये रखेगा।
इसके पहले राष्ट्रपति कोविंद, उनकी पत्नी देश की प्रथम महिला सविता कोविंद, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डाक्टर दिनेश शर्मा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व एमएलसी स्वतंत्र देव सिंह ने डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया। पर्यटन व संस्कृति राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) डॉक्टर नीलकंठ तिवारी ने राष्ट्रपति व अन्य अतिथियों का स्वागत किया।
उत्तर प्रदेश के पांच दिवसीय दौरे पर आए राष्ट्रपति 25 जून को प्रेसिडेंशियल एक्सप्रेस ट्रेन से कानपुर पहुंचे थे। तीन दिनों वह कानपुर में थे जहां कई गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिष्ठित लोगों से मिलने के अलावा, राष्ट्रपति ने रविवार को कानपुर देहात में अपने पैतृक गांव परौंख का भी दौरा किया और अपने पुराने परिचितों से बातचीत की थी। राष्ट्रपति सोमवार को अपने दो दिवसीय दौरे पर कानपुर से विशेष ट्रेन (प्रेसिडेंशियल एक्सप्रेस) से लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंचे जहां राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने उनका स्वागत किया। यहां रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर राष्ट्रपति सीधे राजभवन गए जहां उन्होंने सोमवार को रात्रि प्रवास किया। मंगलवार की शाम को राष्ट्रपति नई दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

1 + three =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।