रामपुर में नर्स के साथ थप्पड़बाज़ी के बाद चर्चा में आए सरकारी डॉक्टर बीएम नागर अपने आवास पर संदिग्ध हालत में मृत पाए गए हैं। जिला अस्पताल में संविदा पर तैनात डॉक्टर की मारपीट की घटना के बाद सेवा समाप्त कर दी गई थी, वहीं नर्स को भी सस्पेंड कर दिया गया था। घटना के बाद से वह अकेले घर में रह रहे थे।
मंगलवार को डॉक्टर बीएम नागर का शव उनके सरकारी आवास में मिला। जानकारी मिलने पर मौके पर आला अफसर पहुंचे गए। सीएमएस ने डॉक्टर का शव प्राइवेट एंबुलेंस से उनके पैतृक गांव भिजवाने की कोशिश की, लेकिन तभी पुलिस आ गई और शव को सरकारी आवास पर ही रखा गया।
जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. राकेश मित्तल ने बताया कि डॉक्टर नागर का परिवार लखनऊ में रहता है। वह यहां सरकारी आवास में अकेले रहते थे। मंगलवार को अन्य साथी चिकित्सकों ने उन्हें कई बार फोन मिलाया। फोन रिसीव न होने पर दोपहर एक बजे वार्ड ब्वाॅय को आवास पर देखने के लिए भेजा। वार्ड ब्वाॅय ने वहां जाकर देखा कि वह बेहोश पड़े हैं।
आवाज देने पर भी नहीं उठ रहे। इस पर अन्य चिकित्सक और स्टाफ वहां पहुंच गए। उन्हें जिला अस्पताल लेकर आए। यहां पल्स, ईसीजी आदि चेक किया। शरीर में कोई हरकत नहीं हुई। उनकी मौत हो चुकी थी। उन्हें शुगर की भी दिक्कत थी। संभावना है कि शुगर के साथ हृदय गति रुकने से उनका निधन हुआ है।
सूचना पाकर मौके पर पहुंचे परिजनों ने एसपी को लिखित में दिया कि हम शव का पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते हैं। इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। बिना पोस्टमार्टम कराए ही शव को सौंपे जाने पर सवाल खड़ा हो गया है। कुछ दिन पहले ही डॉक्टर बीएम नागर ने अपनी जान को खतरा बताया था।
गौरतलब है कि 25 अप्रैल की रात इमरजेंसी ड्यूटी के दौरान स्टाफ नर्स कविता से कामकाज को लेकर डॉक्टर की कहासुनी हो गई थी। शोर शराबे पर पुलिस और अस्पताल का स्टाफ जमा हो गया था। तब नर्स ने सभी के सामने उन्हें थप्पड़ मार दिया था। इसके बाद उन्होंने भी नर्स को पीट दिया था। इसका किसी ने वीडियो बना लिया था, जो वायरल हो गया था। वीडियो के जरिए मामला संज्ञान में आते ही जिला प्रशासन हरकत में आ गया।