भिवानी : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धर्म शास्वत है। धर्म हमें कत्र्तव्य और नैतिक मूल्यों का बोध कराता है। धर्म से हमें सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। भारत की धर्म व संस्कृति में किसी की आस्था में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। हमें बाबा बालकनाथ की तपस्या और महाराणा प्रताप के शौर्य और पराक्रम से शिक्षा लेकर समाज की भलाई के लिए कार्य करना चाहिए।
उन्होंने नागरिकों से स्वच्छता को बनाए रखने की अपील की। योगी आदित्यनाथ शनिवार को जनपद से करीब पांच कि.मी.गांव हालुवास में बाबा बालक नाथ आश्रम में आयोजित 32 मान भंडारे में आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन से पहले भारत माता, गंगा मैया, गौरक्षनाथ, बालक नाथ, सब सिद्धों और जय श्री राम के जयकारे लगाए।
अपने संबोधन में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हरियाणा प्रदेश की धरती सिद्धों व चमत्कारी धरती है। जब-जब इस देश पर कोई संकट आया है तो यहां के नौजवानों ने अपनी शहादत से देश की रक्षा की है। उन्होंने कहा कि फिलहाल भी यहां के वीर जवान विदेशी आक्रांताओं का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि महाराणा प्रतापन ने मेवाड़ की धरती से राष्ट्रभक्ति को संदेश दिया था, जो हमारे लिए हमेशा प्रेरणादायी रहेगा। महाराणा प्रताप का शौर्य और वीरता आज भी हमारे दिलों में रची-बसी है, जो हमारे लिए राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धर्म हमें नैतिक मूल्य का बोध कराता है। नैतिक मूल्य किसी भी देश व हर परिस्थिति में नागरिकों में विद्यमान रहते हैं।
पुण्य के कार्य इस लोक के साथ परलोक को सुधार देते हैं। इसी प्रकार पाप का फल भी इस लोक के साथ परलोक में भी भुगतना पड़ता है। उन्होने कहा कि हमें अन्याय का भागीदार नहीं बनना है। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि मुनियों ने हमें धर्म के साथ न्याय के रास्ते पर चलने का संदेश दिया।
(दीपक खंडेलवाल)