तमिलनाडु सरकार ने रविवार को कहा कि कुछ निर्धारित स्थानों पर पर्ची के आधार पर कोविड-19 के मरीजों के परिजनों की भीड़भाड़ से बचने के लिए अब सीधे निजी अस्पतालों को ही एंटी वायरस दवा रेमडेसिविर उपलब्ध कराई जाएगी। 18 मई से निजी अस्पतालों के लिए अपनी दवा जरूरत को पोर्टल पर पंजीकृत करने की सुविधा काम करने लगेगी तथा उसके बाद ही उसके प्रतिनिधि विक्रय केंद्रों से दवाइए ले सकते हैं।
सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा कि पोर्टल पर डाली गयी सूचना जारी की जाएगी तथा अस्पतालों को उसके संभावित प्राप्तकर्ता और ऑक्सीजन आश्रित मरीजों की सूचना देनी होगी। सरकार संचालित तमिलनाडु मेडिकल सेवा निगम ने सरकारी अस्पतालों में दवाएं मुहैया करायी है जबकि निजी अस्पतालों के कोविड-19 मरीजों के संदर्भ में चेन्नई, कोयंबटूर, सलेम, तिरूचिरापल्ली, मदुरै और तिरूनेलवेल्ली में सरकारी विक्रय केंद्रों के माध्यम से उनके परिवारों को दवाइयां उपलब्ध करायी जा रही हैं।
सरकार ने कहा कि प्रशासन इस पर निगरानी करेगा कि क्या निजी अस्पतालों ने केवल पात्र मरीजों के लिए ही रेमडेसिविर का उपयोग किया या नहीं और यह भी कि क्या उसे जिस मूल्य पर सरकारी विक्रय केंद्रों से खरीदा गया था, क्या उसी मूल्य पर मरीजों को दिया गया या नहीं।
सरकार ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी तथा बिना आवश्यकता के मरीजों को रेमडेसिविसर की सिफारिश करने पर कार्रवाई की जाएगी। सीधे लोगों को दवा बेचने की वर्तमान पद्धति की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की अध्यक्षता में एक बैठक के बाद सरकार ने कहा कि बस तमिलनाडु में ही वायरस से संक्रमितों को सीधे रेमडेसिविर बेची जा रही है।