मोहन भागवत जी के बयान के बाद आपको यह साफ होना चाहिए कि क्यों हम आपको “संविधान बचाओ” और “बेरोज़गारी हटाओ,आरक्षण बढ़ाओ” के नारों के साथ आगाह कर रहे थे।’सौहार्दपूर्ण माहौल’ की नौटंकी में ये आपका आरक्षण छीन लेने की योजना में काफी आगे बढ़ चुके है।जागो,जगाओ और अधिकार बचाने की मशाल जलाओ
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 20, 2019
राजद नेता ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘आरक्षण को लेकर आरएसएस एवं बीजेपी की मंशा ठीक नहीं है। बहस इस बात पर करिए कि इतने वर्षों बाद भी केंद्रीय नौकरियों में आरक्षित वर्गों के 80 प्रतिशत पद खाली क्यों है। उनका प्रतिनिधित्व सांकेतिक भी नहीं है। केंद्र में एक भी सचिव अन्य पिछड़े वर्ग/अति पिछड़े वर्ग से क्यों नहीं है। कोई कुलपति अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग से क्यों नहीं है। करिए बहस।
आरक्षण को लेकर RSS/BJP की मंशा ठीक नहीं है। बहस इस बात पर करिए कि इतने वर्षों बाद भी केंद्रीय नौकरियों में आरक्षित वर्गों के 80% पद ख़ाली क्यों है? उनका प्रतिनिधित्व सांकेतिक भी नहीं है। केंद्र में एक भी सचिव OBC/EBC क्यों नहीं है? कोई कुलपति SC/ST/OBC क्यों नहीं है? करिए बहस??
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 20, 2019
उल्लेखनीय है कि मोहन भागवत ने रविवार को कहा था कि जो आरक्षण के पक्ष में हैं और जो इसके खिलाफ हैं उन लोगों के बीच इस पर सछ्वावपूर्ण माहौल में बातचीत होनी चाहिए।