प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बृहस्पतिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे, जहां उन्होंने 1,583 करोड़ रुपये से अधिक की विकास कार्य परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसके बाद पीएम मोदी ने जापान के सहयोग से बने अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र ‘रुद्राक्ष’ का उदघाटन किया।
जब शिंजों आबे काशी आए थे तब रुद्राक्ष के आइडिया पर हुई थी हुई
पीएम मोदी ने पूर्व पीएम शिंजो अबे को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि जापान के ही मेरे एक और मित्र- शिंजो आबे जी। मुझे याद है, शिंजों आबे जी जब प्रधानमंत्री के तौर पर काशी आए थे, तो रुद्राक्ष के आइडिया पर उनसे मेरी चर्चा हुई थी। उन्होंने तुरंत ही अपने अधिकारियों से इस आइडिया पर काम करने को कहा था। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब दुनिया ठहर सी गई थी। तब काशी संयमित तो हुई और अनुशासित भी हुई। लेकिन सृजन और विकास की धारा अविरल बहती रही। काशी के विकास के ये आयाम, ये ‘इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एंड कन्वेंशन सेंटर- रुद्राक्ष’ आज इसी रचनात्मकता का इसी गतिशीलता का परिणाम है।
काशी का विकास और ज़्यादा चमकेगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सम्बोधन के दौरान कहा कि भारत और जापान की सोच है कि हमारा विकास हमारे उल्लास के साथ जुड़ा होना चाहिए। ये विकास सर्वमुखी होना चाहिए, सबके लिए होना चाहिए और सबको जोड़ने वाला होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब पिछले 7 सालों में इतनी सारी विकास परियोजनाओं से काशी का श्रंगार हो रहा है, तो ये श्रंगार बिना रुद्राक्ष के कैसे पूरा हो सकता था? अब जब ये रुद्राक्ष काशी ने धारण कर लिया है, तो काशी का विकास और ज़्यादा चमकेगा और ज़्यादा काशी की शोभा बढ़ेगी ।
रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में पीएम ने लगाया रुद्राक्ष का एक पौधा
मोदी के साथ इस दौरान जापान के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। ‘रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर’ परिसर में प्रधानमंत्री ने रुद्राक्ष का एक पौधा भी लगाया। कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। इस अवसर पर ‘रुद्राक्ष’ पर बनी एक वीडियो फिल्म भी दिखायी गयी ।
‘रुद्राक्ष’ कन्वेंशन सेंटर की जानिये क्या है खास बातें
रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर की नींव दिसंबर वर्ष 2015 में जब जापान के पीएम शिंजो अबे का भारत दौरा हुआ तभी पड़ गई थी। इस दौरान उन्होंने भारत को बुलेट ट्रेन की सौगात दी तो वाराणसी में जापान के सहयोग से रुद्राक्ष नाम के अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर की सौगात देकर रिश्तों को धरातल पर उतार दिया।
इसके बनने से शहर में सांस्कृतिक और प्रवासी भारतीय दिवस जैसे वैश्विक आयोजनों के लिए जगह की कमी नहीं रहेगी।इसके अलावा प्रदर्शनी और मेलों के अलावा पर्यटन व कारोबार से जुड़े सरकारी आयोजन भी यहां आसानी से हो सकते हैं।
इस सेंटर में एक साथ 1200 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। हाल को लोगों की संख्या के अनुरूप दो हिस्सों में बांटने की व्यवस्था है। पूर्णत: वातूनुकुलित सेंटर में बड़े हाल के अलावा 150 लोगों की क्षमता का एक मीटिंग हाल है। इसके अतिरिक्त यहां एक वीआइपी कक्ष, चार ग्रीन रूम भी हैं। दिव्यांगजनों की सुविधा की दृष्टि से पूरे परिसर को सुविधाजनक बनाया गया है। यह सेंटर शिवलिंग के आकार में निर्मित है।
सेंटर के बाहरी हिस्से में 108 सांकेतिक रुद्राक्ष लगे हैं, जो एल्युमिनियम के बने हैं। तीन एकड़ में तैयार कन्वेंशन सेंटर परिसर में जापानी शैली का गार्डन व लैंडस्केपिंग की गई है। पार्किं ग सुविधा संग सीसीटीवी कैमरे हैं। सौर ऊर्जा की भी व्यवस्था की गई है।