शिरोमणि अकाली दल (शिअद) का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार सुबह लखनऊ हवाईअड्डे पर पहुंचा, जहां से वे तीन अक्टूबर की हिंसा में जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों से मिलने लखीमपुर खीरी जाएंगे। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल कर रही हैं।उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि सत्ता में बैठे लोगों के बच्चों के लिए एक अलग कानून है और गरीब किसानों के लिए अलग, जो यह बताता है कि क्यों पांच दिनों के बाद भी किसी की गिरफ्तार नहीं की गई। हम किसानों के साथ खड़े हैं।”
बता दें कि लखीमपुर मामले में विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है, पीड़ितों को मुआवजा और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की उठा रहे मांग। अब तक कई विपक्षी दल पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात कर चुके हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल है, मृतक किसानों के परिजनों से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने गुरुवार को मामले में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि लोकतंत्र में न्याय एक अधिकार है। मैं न्याय के लिए अपनी लड़ाई जारी रखूंगी। कल मैं जितने भी प्रभावित परिवारों से मिली, तीनों परिवारों ने एक ही बात कही कि मुआवजे से मतलब नहीं है, उन्होंने केवल न्याय की मांग की।
वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले पर कहा कि ”भाजपा सरकार में राज्य मंत्री (अजय मिश्रा) की ओर उंगली उठ रही है, इसलिए लखीमपुर मामले के आरोपियों को जेल नहीं भेजा जा रहा है।” उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए। सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और मामले की जांच उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश की निगरानी में की जानी चाहिए। चूंकि वह (आरोपी आशीष मिश्रा) गृह राज्य मंत्री के बेटे हैं, इसलिए अभी तक कार्रवाई नहीं की गई।”