सहारनपुर हैंडपंप विवाद सियासी रुख अपनाता जा रहा है। मामले में कांग्रेस और बजरंग दल के बाद अब भीम आर्मी भी कूद पड़ी है। प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बने इस हैंडपंप को उखाड़े जाने का कांग्रेस ने विरोध किया है तो वहीं, बजरंग दल इसे लगाने के खिलाफ है। वहीं भीम आर्मी की एंट्री के बाद मामला सियासी होता जा रहा है।
दरअसल, करीब 40 साल पुराने इस हैंडपंप को दुकानदार मुरारी झा की शिकायत पर प्रशासन ने उखड़वा दिया था। दुकानदार का कहना था कि हैंडपंप पर लोग पानी पीते हैं और उसकी दुकान के आगे भीड़ लग जाती है। भीड़ के कारण उसकी दुकानदारी प्रभावित हो रही थी। इसलिए उसने प्रशासन से हैंडपंप को उखड़वाने की अपील की थी।
गिरफ्तारी के बाद रिहा किए गए कांग्रेसी विधायक
हैंडपंप को दोबारा लगवाने की मांग को लेकर मंगलवार को धरना स्थल पर जा रहे कांग्रेस विधायकों नरेश सैनी और मसूद अख्तर को पुलिस अधिकारियों ने रोक लिया। बेहट से विधायक सैनी ने दावा किया कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद उन्हें रिहा कराने के लिए समर्थकों के साथ पुलिस लाइन पहुंचे।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों ने दोनों को रिहा कर दिया है। बेहट में चार दशक पुराने इस हैंडपंप को एक शिकायत के आधार पर नगरपालिका ने उखड़वा दिया था तो स्थानीय लोग नाराज हो गए। इसे लेकर पहले भी कांग्रेस नेताओं ने धरना दिया था जो हैंडपंप दोबारा लगाए जाने के आश्वासन के बाद समाप्त हो गया था। बाद में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हैंडपंप दोबारा लगाए जाने का विरोध किया।