उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार समेत कई मुद्दो को लेकर मंगलवार को समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक सदन की कार्यवाही से पहले विधानसभा में धरने पर बैठ गए। विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सरकार के खिलाफ सपा विधायको ने कड़े तेवर दिखाये। सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले सपा विधायकों ने विधान भवन स्थित चरण सिंह की प्रतिमा के निकट धरना दिया।
सपा के दोनों सदनों के सदस्यों ने इस दौरान नागरिकता संशोधन कानून, बेरोजगारी, महंगाई, महिलाओं पर अत्याचार और गन्ना, धान व आलू किसानों की समस्याओं को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधा। सपा सदस्यों ने हाथों में तख्ती ले रखी थी जिसमें संविधान बचाओ देश बचाओ के नारे लिखे थे।
विधायकों ने नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने की मांग की। सदस्यों ने कहा कि इस कानून को लेकर पूरे देश में आक्रोश है। विरोध में उतरे विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं पर सरकार पुलिस से बर्बरता करवा रही है। विधायकों का कहना था कि भाजपा सरकार नफरत की राजनीति करके समाज को बांटना चाह रही है। यह हम नहीं होने देंगे।
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सपा का आरोप है कि शिक्षण संस्थानों के परिसर में पुलिस का बलपूर्वक प्रवेश निंदनीय है। नदवा कालेज में कथित शांति पूर्ण प्रदर्शन करते छात्रों पर बर्बरता सरकार के इशारों पर उठाया कदम है। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ छात्रों ने एकजुटता दिखाई है। छात्रों की आवाज से सरकार डर रही है और बलपूर्वक कुचल देना चाहती है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जनता के बीच जाकर भाजपा सरकार की विध्वंसकारी नीतियों को उजागर करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यही मौका है जब गांव गली तक सपा की नीतियों को भी प्रचारित किया जाए।