केंद्रीय मंत्रिमंडल में विस्तार और बदलाव हो चुका है। नए मंत्रिमंडल में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए सात मंत्रियों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गयी, जिसमें अपना दल प्रमुख अनुप्रिया पटेल का नाम भी शामिल है। अनुप्रिया को मंत्रिमंडल में जगह देने से एनडीए की दूसरी सहयोगी पार्टी निषाद के अध्यक्ष संजय निषाद ने कड़ी नाराजगी जताई।
संजय निषाद ने अपने बेटे प्रवीण निषाद को कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने पर प्रधानमंत्री, यूपी सीएम और अमित शाह पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रवीण निषाद को कैबिनेट में शामिल नहीं किया जाना निषाद समाज के साथ धोखा है।
उन्होंने कहा, 18 फ़ीसदी निषाद समाज को एक बार फिर धोखा मिला है जबकि 4 से 5 फीस दी वालों को तरजीह दी गई है। निषाद समुदाय के लोग पहले से ही बीजेपी को छोड़ रहे हैं और अगर पार्टी अपनी गलतियों को नहीं सुधारती है, तो आगामी विधानसभा चुनाव में परिणाम भुगतने होंगे।'
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उन्होंने पूछा कि अपना दल की अनुप्रिया पटेल को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किया जा सकता है तो प्रवीण निषाद को क्यों नहीं? साल 2019 में बीजेपी को 40 सीटों पर निषाद वोट मिले थे।" उत्तर प्रदेश में 160 से अधिक विधानसभा सीटों पर निषाद समुदाय का प्रभाव है।
बता दें कि मोदी कैबिनेट में अनुप्रिया पटेल को जगह मिलने से संजय निषाद गुस्से में हैं। उन्होंने अपने बेटे प्रवीण निषाद को एक जगह दिए जाने की मांग की है, जो संत कबीर नगर से बीजेपी सांसद हैं। अनुप्रिया पटेल पर निशाना साधते हुए निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा, 'जो लोग अपनी सीट जिला पंचायत अध्यक्ष में नहीं जितवा सके, जिन लोगों ने बीजेपी को हराने का काम किया वैसे लोगों को तवज्जो दी गई।'