दिल्ली विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद रविवार को पहली बार लखनऊ के दौरे पर आए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि आप उत्तर प्रदेश के अगले विधानसभा चुनाव में दिल्ली के विकास मॉडल के नाम पर वोट मांगेगी। दिल्ली में लगातार दूसरी बार धमाकेदार जीत से उत्साहित आम आदमी पार्टी की नजर अब उत्तर प्रदेश पर टिक गई है।
इस दौरान आप नेता ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में विकास और सुशासन के तमाम दावों के विपरीत गुंडाराज, अराजकता व्याप्त है और लोकतंत्र का गला घोटने की सरकारी स्तर पर साजिशें की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में ‘गुजरात मॉडल’ का धोखा देकर जनता से वोट लिए थे लेकिन यह मॉडल एक झूठ के सिवा कुछ नहीं था।
हाल के विधानसभा चुनाव में दिल्ली की जनता ने यह जाहिर कर दिया है कि दिल्ली मॉडल ही विकास का असल मॉडल है। आप नेता ने कहा कि राजनीतिक लिहाज से सबसे संवेदनशील राज्य उत्तर प्रदेश में पार्टी अपनी जमीन तैयार करने में जुट गई है। उन्होंने बताया कि आप द्वारा 24 फरवरी से 22 मार्च तक सदस्यता अभियान चलाई जाएगी जिसमें 25 लाख सदस्य बनाए जाएंगे। इसके लिए अगले 90 दिनों में पार्टी कार्यकर्ता एक लाख सात हजार गांवों में जाएंगे।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इस बात के लिए आश्वस्त है कि वर्ष 2022 में होने वाला उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जाएगा। भाजपा की तमाम जहरीली बातों और हथकंडों के बावजूद दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी बेहद सुखद है। इससे संकेत मिलते हैं कि जनता अब नफरत की राजनीति के बजाय विकास देखना चाहती है।
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उन्होंने कहा कि ‘आप’ उत्तर प्रदेश में इस साल होने वाले पंचायत चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े करेगी। इसके लिए पार्टी कार्यकर्ता जनता की राय एकत्र करेंगे, मुद्दों की जानकारी लेंगे और पार्टी संयोजक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तीन महीने में रिपोर्ट देंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसान, नौजवान, महिलाएं तथा समाज का हर वर्ग बेहद परेशान है, मगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विकास की झूठी बातें कहकर अपनी पीठ थपथपाने में व्यस्त हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश लोकतंत्र का गला घोटने की प्रयोगशाला बन चुका है। सीएए और एनआरसी के जनविरोध को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान और कार्रवाइयां एक असफल मुख्यमंत्री की निशानियां हैं।