सुप्रीम कोर्ट ने सामाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आजम खान को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत देने से मंगलवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बीआर गवई की एक पीठ ने खान को संबंधित अदालत का दरवाजा खटखटाने और जमानत याचिकाओं के शीघ्र निपटान के लिए अनुरोध करने की इजाजत दी। पीठ ने कहा,‘‘आप जमानत हासिल करने के लिए 32 याचिकाएं कैसे दायर कर सकते हैं? राजनीति को अदालत में ना लाएं।’’
कपिल सिब्बल बोले- बेवजह जेल में है आजम
खान की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके खिलाफ 87 प्राथमिकी दर्ज हैं, जिनमें से 84 मामलों में उन्हें जमानत मिल गई है। उन्होंने खान की ओर से कहा, ‘‘मैं बिना वजह जेल में बंद हूं। आप ही बताएं मैं कहां जाऊं। मैं अदालत में राजनीति नहीं ला रहा हूं।’’ कपिल सिब्बल ने कहा कि लगातार अनुरोध के बावजूद पिछले तीन-चार महीने में जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं की गई।
पत्नी और बेटे को पहले ही मिल चुकी है जमानत
बता दें कि आजम खान और उनकी पत्नी तंजीन फातिमा रामपुर सदर के मौजूदा विधायक और उनके बेटे अब्दुल्ला के खिलाफ दर्ज कुछ मामलों में सह-आरोपी हैं। फातिमा को दिसंबर 2020 में और अब्दुल्ला को 15 जनवरी को जमानत मिल गई। हालांकि, आजम खान फरवरी 2020 से जेल में बंद हैं। सपा ने जहां रामपुर निर्वाचन क्षेत्र से खान को मैदान में उतारा है, वहीं उनके बेटे अब्दुल्ला रामपुर जिले की एक सीट से चुनाव लड़ेंगे।