उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। इसके साथ कोर्ट ने सरकार को 6 जुलाई से पहले अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने शिक्षामित्रों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यूपी सरकार से जवाब मांगा है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ शिक्षामित्रों की अपील की सुनवाई के दौरान पहले तो याचिका खारिज करने का मौखिक आदेश सुना दिया, लेकिन चंद मिनटों बाद ही फिर से सुनवाई करते हुए संशोधित आदेश के साथ राज्य सरकार को नोटिस जारी किया।
गौतमबुद्धनगर में कोरोना संक्रमितों के आंकड़ों में बढ़ोतरी जारी, कंटेनमेंट जोन की संख्या 63 हुई
न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एम एम शांतनगौदर और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ ने याचिकाकर्ता ‘उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र एसोसिएशन’ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की दलीलें सुनने के बाद याचिका खारिज करने का मौखिक आदेश सुना दिया, लेकिन कुछ न्यायिक पहलुओं पर ध्यान दिलाए जाने के बाद सुनवाई फिर शुरू हुई।
वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे और ए. सुंदरम वीडिया कांफ्रेंसिंग स्क्रीन पर मौखिक आदेश जारी होने के बाद दिखायी दिए और उन्होंने अपनी दलीलें शुरू की। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करने के अपने मौखिक आदेश में संशोधन की मंशा जताई।
सुनवाई फिर से कुछ देर चली और सॉलिसिटर जनरल एवं अन्य वकीलों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार एवं अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया तथा इसके जवाब के लिए 14 जुलाई तक का समय दिया। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह छह जुलाई तक रिक्तियों का चार्ट कोर्ट को सौंप दे।