यौन उत्पीड़न मामले में पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए कहा है कि रेप पीड़िता के मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयानों की कॉपी चिन्मयानंद को नहीं दी जाएगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़िता के बयानों की कॉपी आरोपी चिन्मयानंद को देने के आदेश दिए थे, जिसे आज सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया।
गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में यौन शोषण के आरोपी स्वामी चिन्मयानंद की मुमुक्ष आश्रम से गिरफ्तारी हुई थी। एसआईटी टीम ने यूपी पुलिस के साथ मिलकर चिन्मयानंद को आश्रम से गिरफ्तार किया था। हालांकि, इसी साल फरवरी में कोर्ट ने उन्हें जमानत भी दे दी। चिन्मयानंद पर उनके ही कॉलेज में पढ़ने वाली कानून की एक छात्रा ने दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की दो सदस्यीय विशेष पीठ गठित करवा कर पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया था।
बता दें कि 24 अगस्त, 2019 को फेसबुक पर छात्रा ने एक वीडियो अपलोड किया था। उस वीडियो में बिना नाम लिए छात्रा ने अपने शोषण और दुराचार की बात कही थी। इसके बाद 27 सितंबर को दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने चिन्मयानंद के खिलाफ अपहरण और धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया। 30 अगस्त को छात्रा की लोकेशन राजस्थान के दौंसा जिले के मेहंदीपुर में पुलिस को मिली। पुलिस ने वहां छापा मार कर एक गेस्ट हाउस से छात्रा और उसके साथी संजय को कब्जे में ले लिया।
यौन उत्पीड़न के मामले में गिरफ्तार हुए बीजेपी के पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को 3 फरवरी, 2020 को इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिल गई। अब इस मामले में स्वामी चिन्मयानंद को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए पीड़िता के ब्यान कि कॉपी देने से साफ इंकार कर दिया।