उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के मूल वादी मोहम्मद हाशिम के पुत्र इकबाल अंसारी के दावे पर गौर करेगा कि हाल ही में अयोध्या में उनपर हमला किया गया है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के अयोध्या मामले की अपीलों पर सुनवाई के लिये बैठते ही वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने इकबाल अंसारी पर हमले की घटना की ओर उसका ध्यान आकर्षित किया।
एक मुस्लिम पक्षकार की ओर से बहस करते हुये डॉ. राजीव धवन ने कहा, ‘‘बहुत दुख के साथ मुझे आपसे यह कहना है कि इकबाल अंसारी (जो मोहम्म्द हाशिम के निधन के बाद मामले को आगे बढ़ा रहे हैं) पर एक शूटर ने हमला किया था। इस मामले में जांच की आवश्यकता है या नहीं, यह मुझे नहीं पता। कभी-कभी न्यायालय की एक टिप्पणी ही पर्याप्त होती है।’’
संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हम इस मामले को देखेंगे।’’ धवन ने कहा कि यद्यपि शूटर को गिरफ्तार किया जा चुका है लेकिन इस मामले का तथ्य यह है कि अंसारी को पुलिस संरक्षण प्राप्त है।
धवन ने कहा, ‘‘मैं हर एक के खिलाफ अवमानना कार्यवाही नहीं चाहता।’’ उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी प्रकार की सुरक्षा नहीं चाहते हैं। इस वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि वह दिल्ली में ऐसे घर में रहते हैं जिसमें ताला नहीं है और कभी भी हमला किया जा सकता है।
धवन ने कहा, ‘‘परंतु, आश्चर्य की बात यह है कि अंसारी के पुलिस संरक्षण में होने के बाद भी उन पर हमला किया जा सकता है।’’