बांदा से सटे फतेहपुर जिले के हुसैनगंज क्षेत्र में 14 दिसंबर, शनिवार की दोपहर कथित रूप से दुष्कर्म करने के बाद जिंदा जलाई गई लड़की की गुरुवार की सुबह इलाज के दौरान कानपुर के अस्पताल में मौत हो गयी। पीड़िता का इलाज कर रहे सर्जन डॉक्टर अनुराग सिंह ने बताया कि गुरुवार तड़के पीड़िता की इलाज के दौरान मौत हो गयी। वह नब्बे फीसद से ज्यादा जल चुकी थी। रविवार से ही उसकी हालत खराब थी।
पीड़िता के फेफड़े निष्क्रिय हो चुके थे। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। अस्पताल प्रशासन ने पीड़िता की मौत की सूचना शासन और जिलाधिकारी को दे दी है। इस बीच, फतेहपुर नगर पुलिस उपाधीक्षक (सीओ) कपिलदेव मिश्रा ने बताया कि फिलहाल पीड़िता की मौत के बारे में चिकित्सकों की लिखित सूचना अभी नहीं आयी है, लेकिन संभवतः आज सुबह ही इलाज के दौरान कानपुर के लाला लाजपत राय (हैलेट) अस्पताल में उसकी मौत हो गयी है।
उन्होंने बताया कि मौत के बारे में चिकित्सकों की रिपोर्ट मिलते ही आरोपी के खिलाफ हत्या की धारा-302 आईपीसी जोड़ कर विवेचना (जांच) शुरू कर दी जाएगी। इस बीच, पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि लड़की को इलाज के लिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल भेजे जाने का अनुरोध राज्य सरकार से किया था, लेकिन सरकार की तरफ से अब तक सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली और उनकी बेटी की जान चली गयी।
उल्लेखनीय है कि 14 दिसंबर की दोपहर में फतेहपुर जिले के हुसैनगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में 18 साल की एक लड़की संदिग्ध परिस्थितियों में बुरी तरह झुलस गयी थी। आरोप लगाया गया था कि उसके रिश्ते के चाचा ने दुष्कर्म करने के बाद केरोसिन छिड़ककर उसे जला दिया था। आरोपी मेवालाल को गिरफ्तार कर लिया गया है।
गौरतलब है कि मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता के बयान और दर्ज प्राथमिकी के उलट जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की जांच का हवाला देकर प्रयागराज परिक्षेत्र के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) सुजीत पांडेय ने दावा किया था कि पंचायत के फरमान से क्षुब्ध होकर लड़की ने खुद ही आग लगाकर आत्महत्या की कोशिश की है।