कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने बुधवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले का हवाला देते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय को इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कदम उठाना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘एक ऐसा समय था जब यूट्यूब, कोई सोशल मीडिया नहीं था, तब उच्चतम न्यायालय प्रिंट मीडिया की खबरों के आधार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कदम उठाता था। उसने उन लोगों की आवाज सुनी, जिनकी कोई नहीं सुन रहा था।’’
वरिष्ठ वकील सिब्बल ने आग्रह किया, ‘‘आज हमारे नागरिकों पर गाड़ी चढ़ाई जाती है और उनकी हत्या कर दी जाती है। उच्चतम न्यायालय से आग्रह है कि वह इस पर कदम उठाए।’’ गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
बता दें कि आशीष मिश्रा के खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी के अनुसार, चार पीड़ितों को कथित तौर पर आशीष मिश्रा द्वारा चलाए जा रहे एक वाहन द्वारा कुचल दिया गया था। तिकुनिया पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत हत्या, 304-ए लापरवाह ड्राइविंग के कारण मौत, आपराधिक साजिश के लिए 120-बी, दंगा के लिए धारा 147, तेज ड्राइविंग के लिए धारा 279, गंभीर रूप से घायल करने के लिए धारा 338 व अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।