विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करने वाले प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव अब अपनी राजनीतिक खीझ निकाल रहे है। चुनावों में मिली हार के बाद चाचा-भतीजे में तकरार देखने को मिल रही है। 28 मार्च को लखनऊ में सपा गठबंधन के विधायकों की प्रस्तावित बैठक में आमंत्रण न मिलने से नाराज शिवपाल दिल्ली पहुंच गए हैं।
इटावा में रविवार को हुए एक समारोह में शिवपाल यादव ने कहा था कि हमें हनुमान की भूमिका को याद रखना चाहिए, क्योंकि उनकी वजह से ही भगवान राम ने लंका में युद्ध जीता था। उन्होंने आगे कहा कि यह हनुमान थे, जिन्होंने लक्ष्मण की जान बचाई थी। भगवान ने भी कठिन परिस्थितियों का सामना किया है, लेकिन अंत में सत्य की जीत होती है।
दिल्ली जाने की चर्चा से जिले में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गईं हैं। प्रसपा अध्यक्ष और जसवंतनगर से विधायक शिवपाल सिंह यादव को शनिवार को लखनऊ में सपा विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया गया था। वह बैठक के लिए लखनऊ में ही रुके हुए थे। बैठक में न बुलाए जाने से नाराज शिवपाल सिंह यादव शनिवार को ही इटावा के लिए रवाना हो गए थे।
चाचा-भतीजे में फिर दिखा 2017 का सत्ता संघर्ष
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा (शिवपाल सिंह यादव) के बीच 2017 में शुरू हुआ सत्ता संघर्ष एक बार फिर से दिखाई देने लगा है। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को उत्तर प्रदेश की सत्ता से बेदखल करने के लिये प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) अध्यक्ष शिवपाल अपने भतीजे के साथ खड़े हो गए थे लेकिन नतीजे प्रतिकूल आने से दोनों के बीच अनबन की बातें भी सामने आने लगी है।