उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोमवार 3 जनवरी को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में 5,000 पन्नों का चार्जशीट दाखिल किया। पुलिस ने मामले में मुख्य आरोपी के रूप में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को नामित किया है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा लखीमपुर की यात्रा से पहले किसानों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं के जीवन का दावा करने वाले किसानों के विरोध के दौरान हुई हिंसा के बाद 3 अक्टूबर को आठ लोगों की मौत हो गई थी।
SIT ने दाखिल की 5,000 पन्नों की चार्जशीट
मरने वालों में 4 कार सवार लोग थे, जो यूपी के मंत्री का स्वागत करने आए भाजपा कार्यकर्ताओं के काफिले का हिस्सा थे, 4 अन्य किसान थे। लखीमपुर खीरी हिंसा कांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे किसानों की हत्या एक सुनियोजित साजिश के तहत की गयी थी। मिली जानकारी के मुताबिक आरोप पत्र में पुलिस ने कहा कि उन्होंने जांच के दौरान पाया कि आशीष मिश्रा उस समय घटनास्थल पर ही मौजूद थे जब इस हिंसा को अंजाम दिया गया था। चार्जशीट में आशीष मिश्रा के एक रिश्तेदार को भी आरोपी बनाया गया है।
धीरेंद्र शुक्ला पर लगा सबूत छिपाने का आरोप
बता दें कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री (MoS) अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने पहले यह साबित करने के लिए 10 लोगों के वीडियो और हलफनामे प्रस्तुत किए थे कि वह लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने वाली कार के अंदर नहीं थे। धीरेंद्र शुक्ला नाम के शख्स पर सबूत छिपाने का आरोप लगा है। जिस दिन लखीमपुर खीरी में रैली के दौरान 4 किसानों को कारों ने कुचल दिया, उस दिन आशीष मिश्रा की कार के पीछे उनकी एसयूवी थी। धीरेंद्र ने इस बात को छुपाया था।