कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी रविवार को एआईटी दल जांच के लिए बिकरू गांव पहुंच गई।
मिली जानकारी के अनुसार दुबे का घर का मुआयना करने के बाद अफसरों ने गांव वालों से अलग अलग पूछताछ की है। आईपीएस जे रविंद्र ने घटना से जुड़े हर बिंदु की सख्ती से जांच करने के साथ ही सीओ के मारे जाने वाले स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया।
एसआईटी के सदस्यों ने दुर्दांत गैंगस्टर विकास दुबे के ढहाये गये आवास का कोना कोना देखा और पड़ोस के उसके मामा के घर भी गये जहां कोतवाल देवेन्द्र मिश्र की विकास और उसके साथियों ने नृशंस हत्या कर दी थी। रविन्द्र ने उस स्थान का भी बारीकी से निरीक्षण किया जहां विकास ने एक के ऊपर एक पांच पुलिसकर्मियों के शवों को रख दिया था।
इस मौके पर जिलाधिकारी डॉ ब्रह्मदेव तिवारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी भी मौजूद थे जो एसआईटी की टीम के आने की सूचना के बाद यहां पहुंचे थे। सूत्रों ने बताया कि एसआईटी के सदस्य वारदात के चंद घंटो बाद दो अपराधियों के मुठभेड़ में ढेर किये जाने के स्थान का मुआयना करने के साथ चौबेपुर थाने भी जा सकते है जहां के थानाध्यक्ष विनय तिवारी को गिरफ्तार कर लगभग समूचे स्टाफ को लाइनहाजिर कर दिया गया था।
एसआईटी पिछले शुक्रवार को पुलिस मुठभेड़ में मारे गये हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे के खिलाफ दर्ज मामलों में की गयी कार्यवाही की समीक्षा करेगा। जांच दल यह भी पता करेगा कि दुर्दांत गैंगस्टर और उसके साथियों को सजा दिलाने के लिये की गयी कार्यवाही क्या पर्याप्त थी। 60 से अधिक मुकदमों में वांछित अपराधी की जमानत निरस्तीकरण की दिशा में क्या कार्यवाही की गयी।
उन्होने बताया कि एसआईटी के एजेंडे में यह भी शामिल किया गया है कि अभियुक्त विकास दुबे के विरूद्ध कितनी जन-शिकायतें आयीं और उन पर थानाध्यक्ष चौबेपुर तथा जिले के अन्य अधिकारियों ने क्या जांच की और पाये गये तथ्यों के आधार पर क्या कार्यवाही की।
सूत्रों ने बताया कि एसआईटी में शामिल अधिकारी पता करेंगे कि विकास तथा उसके साथियों के विरूद्ध गैंगेस्टर एक्ट, गुण्डा एक्ट, एनएसए आदि अधिनियमों के अन्तर्गत क्या कार्यवाही की गयी तथा यदि कार्यवाही किये जाने में लापरवाही रही तो किस स्तर पर लापरवाही रही। उन्होने बताया कि जांच दल विकास एवं उसके साथियों के पिछले एक वर्ष के सीडीआर का परीक्षण करेगा एवं उसके सम्पर्क में आये सभी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध संलिप्तता की साक्ष्य मिलने की दशा में उपयुक्त एवं कडी कार्यवाही करनें की अनुशंसा करेगा।
उल्लेखनीय है कि कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने के लिए बिकरू गांव में दबिश देने गये पुलिस दल पर घात लगाकर हमला किया गया था, जिसमें आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। भूसरेड्डी ने इससे पहले बताया था कि एसआईटी दल बिकरू गांव जाएगा, जहां गोलीबारी हुई थी। उन्होंने इस बारे में और ब्यौरा देने से इनकार कर दिया।
उल्लेखनीय है कि कानपुर मामले की जांच एसआईटी से कराने का शनिवार को निर्णय लिया गया था। अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया था कि इस संबंध में अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है। अवस्थी ने बताया कि अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा तथा पुलिस उपमहानिरीक्षक जे रवीन्द्र गौड़ को एसआईटी का सदस्य नामित किया गया है। उन्होंने बताया कि एसआईटी 31 जुलाई, 2020 तक जांच रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराएगा।