अज़ान से नींद में पड़ा खलल तो इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की VC ने DM को लिखा पत्र

अज़ान से नींद में खलल पड़ा तो इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने स्थानीय डीएम को चिट्ठी लिख शिकायत की।
अज़ान से नींद में पड़ा खलल तो इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की VC ने DM को लिखा पत्र
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अज़ान से इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव की नींद में खलल पड़ा तो उन्होंने स्थानीय डीएम को चिट्ठी लिख शिकायत की। उनकी इस शिकायत पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी। वहीं मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने कुलपति प्रोफेसर से शिकायत वापस लेने को कहा है।
दरअसल, प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने प्रयागराज के डीएम को पत्र लिखकर शिकायत की है कि सुबह की अजान से उनकी नींद में खलल पड़ रहा है, ऐसे में कुछ करवाई की जाए। उन्होंने लिखा, अजान के कारण नींद बाधित होती है और फिर बाद में नींद नहीं आती है। जिसके कारण पूरे दिन सिर में दर्द रहता है और इसका असर उनके कामकाज पर भी पड़ता है।
चिठ्ठी संप्रदाय, जाति या वर्ग के खिलाफ नहीं : संगीता श्रीवास्तव
3 मार्च को लिखी गई इस चिठ्ठी में प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने साफ किया है कि वो किसी भी संप्रदाय, जाति या वर्ग के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन एक कहावत का जिक्र करते हुए कहा कि आपकी स्वतंत्रता वहीं खत्म हो जाती है, जहां से मेरी नाक शुरू होती है।
शिकायत पर मुस्लिम धर्मगुरु ने दी प्रतिक्रिया
प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव की इस शिकायत पर मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि अज़ान तो सिर्फ 2-3 मिनट के लिए ही होती है। शिकायत करने वालों को ये भी कहना चाहिए था कि जो सुबह आरती होती है, इससे भी उनकी नींद खराब होती है। सिर्फ अजान के लिए ऐसी शिकायत करना बिल्कुल गलत है, ऐसे में मैं मानता हूं कि उन्हें इस शिकायत को वापस लेनी चाहिए।
राजनीतिक बयानबाज़ी
समाजवादी पार्टी के अनुराग भदौरिया ने बयान दिया कि जब से बीजेपी की सरकार बनी है, सिर्फ जाति-धर्म की बात हो रही है जोर नहीं दिया जा रहा है. किसी शिक्षा संस्थान को इस तरह के मसले पर जोर नहीं देना चाहिए। वहीं बीजेपी के प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव का कहना है कि नमाज़ करना अधिकार है, लेकिन कोर्ट पहले ही कह चुका है कि लाउडस्पीकर लगाना निजता का हनन है। उन्होंने कहा, लॉउडस्पीकर का प्रयोग करना संवैधानिक रूप से उचित नहीं है।

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