उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले दिग्गज ओबीसी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी से अलग हो गए हैं। पार्टी छोड़ने के बाद वह लगातार बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने कहा है कि वह यूपी में आरएसएस और भाजपा को खत्म कर के ही मानेंगे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘नाग रूपी आरएसएस एवं सांप रूपी भाजपा को स्वामी रूपी नेवला यूपी से खत्म करके ही दम लेगा।
नाग रूपी आरएसएस एवं सांप रूपी भाजपा को स्वामी रूपी नेवला यू.पी. से खत्म करके ही दम लेगा।
… pic.twitter.com/RIwkEpmgfs— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) January 13, 2022
स्वामी ने मंगलवार को इस्तीफा दिया
करीब पांच साल तक बीजेपी में रहने के बाद मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा दिया। इस्तीफा देने के बाद उनके खिलाफ एक अरेस्ट वारंट जारी किया गया है। सुलतानपुर के एमपीएमएलए कोर्ट ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ वारंट जारी किया है। उनपर हिंदू देवी देवताओं को लेकर टिप्पणी करने और धार्मिक भावना भड़काने का आरोप है। अदालत ने मौर्य को 24 जनवरी को पेश होने के लिए कहा है।
स्वामी के कई समर्थक विधायकों ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया
स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफा देने के बाद अबतक उनके कई समर्थक विधायकों ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। मंगलवार को मौर्य के इस्तीफा देने के बाद भाजपा विधायक ब्रजेश प्रजापति, विधायक भगवती सागर, विधायक रौशन लाल ने इस्तीफा दिया। वहीं गुरुवार को मंत्री धर्म सिंह सैनी, विधायक विनय शाक्य, विधायक बाला अवस्थी और विधायक मुकेश वर्मा ने इस्तीफा दिया। बुधवार को योगी सरकार में मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी इस्तीफा दे दिया।
स्वामी पिछले 3 दशकों से उत्तरप्रदेश की राजनीति में सक्रिय है
मूल रूप से उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ के रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य पिछले तीन दशकों से उत्तरप्रदेश की राजनीति में सक्रिय है। ओबीसी समुदाय और ख़ास तौर पर कुशवाहा समुदाय में उनकी अच्छी खासी पहुंच है। मौर्य ने 1996 में पहली बार बसपा के टिकट पर रायबरेली की डलमऊ सीट से विधानसभा चुनाव जीता था। इसके बाद वे 2007 का चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार से हार गए लेकिन मायावती ने उन्हें अपनी सरकार में मंत्री बनाया।