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लखीमपुर हिंसा : चुनावी मैदान में अजय मिश्रा को चुनौती देना चाहता है मारे गए किसान का बेटा

लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसान नछत्तर सिंह के बेटे ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के खिलाफ 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान खड़े होने का इरादा जताया है।

साल 2022 में 3 अक्टूबर को लखीमपुर में जीप के नीचे कुचलकर मारे गए किसान नछत्तर सिंह के बेटे ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के खिलाफ 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान खड़े होने का इरादा जताया है। पिछले साल तीन अक्टूबर को तिकोनिया गांव में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में नछत्तर सिंह समेत चार किसानों की मौत हो गई थी।
लखीमपुर के धौरहरा इलाके के नामदार पुरवा गांव के रहने वाले नछत्तर सिंह के बेटे जगदीप सिंह ने एक न्यूज़ एजेंसी से बातचीत में दावा किया कि समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने उन्हें लखीमपुर खीरी की धौरहरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया कि वह 2024 के लोकसभा चुनाव में सीधे तौर पर टेनी से टक्कर लेना चाहेंगे।

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उन्होंने कहा, ‘‘सपा और कांग्रेस ने बहुत जोर लगाया कि मैं धौरहरा सीट से उनकी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ूं, लेकिन मैंने उनसे कह दिया कि मैं छोटी लड़ाई नहीं लड़ूंगा। मुझे 2024 में लोकसभा चुनाव का टिकट दीजिए। मैं सीधे टेनी से लड़ूंगा। लड़ाई लड़ेंगे तो कायदे से ही लड़ेंगे।’’
नछत्तर सिंह के दो बेटों में से बड़े पुत्र 31 वर्षीय जगदीप ने बताया कि उनके परिवार में किसी की भी राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सपा, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस समेत किसी का भी समर्थक नहीं हूं। फिलहाल, हम चुनाव में किसान नेता तेजिंदर सिंह विर्क के साथ खड़े हैं। हमारी लड़ाई भी वही लड़ रहे हैं। वह जहां भी होंगे, हम उनके साथ खड़े होंगे।’’
जगदीप ने विपक्षी दलों को धन्यवाद देते हुए कहा कि अगर विपक्ष नहीं होता तो तिकोनिया की वारदात को एक दुर्घटना मात्र दिखा दिया जाता। उन्होंने कहा कि विपक्ष न खड़ा हुआ होता और किसान यूनियन का दबाव नहीं होता तो इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं होती।
उन्होंने कहा, ‘‘टेनी को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद से नहीं हटाया जाना बहुत बड़ा चुनावी मुद्दा है। सरकार ब्राह्मण मतदाताओं की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती और इसी लिए टेनी को नहीं हटा रही है। अब तो जनता ही इसका हिसाब-किताब करेगी, क्योंकि सरकार ने तो सुनना बंद कर दिया है। टेनी जब तक गृह राज्य मंत्री के पद पर रहेंगे, तब तक हमारे साथ न्याय नहीं हो सकता।’’
तिकोनिया की घटना विधानसभा चुनाव के लिहाज से कितना बड़ा मुद्दा है, इस बारे में पूछे जाने पर जगदीप ने कहा, ‘‘यह तो समय ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि अगर लोग चुनाव में इस घटना के खिलाफ एकजुट होकर खड़े नहीं हुए तो किसानों को जीप तले कुचलने की मानसिकता रखने वालों की हिम्मत और बढ़ेगी।’’
कब और कैसे हुई थी घटना 
गौरतलब है कि पिछले साल तीन अक्टूबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के एक बयान से नाराज किसान टेनी के गांव में एक कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे, उसी दौरान तिकोनिया गांव में हुई हिंसा में चार सिख किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई थी। मृतक किसानों में जिले के धौरहरा के नछत्तर सिंह और पलिया निवासी लवप्रीत सिंह भी शामिल थे।
 घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें एक तेज रफ्तार जीप को किसानों को रौंदते हुए देखा गया था। इस मामले में टेनी के बेटे आशीष को मुख्य अभियुक्त के तौर पर गिरफ्तार किया गया है। घटना को लेकर खास तौर पर सिख समुदाय में खासी नाराजगी है।

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