समाजवादी पार्टी (सपा) ने शुक्रवार को आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए फाजिलनगर (कुशीनगर) और सरोजिनी नगर (लखनऊ) निर्वाचन क्षेत्रों से नव-निर्वाचित ओबीसी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और अभिषेक मिश्रा को मैदान में उतारा है। बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का साथ छोड़ अखिलेश यादव के साथ हाथ मिला लिया था। आगामी चुनावों में भाजपा के लिए मुख्य चुनौती के रूप में उभरी समाजवादी पार्टी ने कौशांबी के सिराथू से पल्लवी पटेल को टिकट दिया है।
जानें सपा ने क्यों बदली स्वामी मौर्य की सीट
ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सपा को स्वामी प्रसाद मौर्य की सीट हालही में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए आरपीएन की वजह से बदलनी पड़ी है। इस कारण मौर्य पडरौना की जगह कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे। बता दें कि आरपीएन सिंह को ‘पडरौना का राजा’ माना जाता है ऐसे में मौर्य के पडरौना सीट से जीतने के चांस कम थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह के भगवा दल में शामिल होने से पहले से ही स्वामी के सीट बदलने की अटकलें लगाई जा रही थी।
RPN सिंह को माना जाता है ‘पडरौना का राजा’
बता दें कि आरपीएन सिंह 1996 से लेकर 2009 तक कुशीनगर जिले की पडरौना विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक रहे। वह साल 2009 में कांग्रेस के टिकट पर कुशीनगर से जीत कर लोकसभा पहुंचे थे। कुर्मी-सैंथवार जाति से आने वाले कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह को राजा साहेब के नाम से भी यहां पुकारा जाता है। पडरौना में कुर्मी वोटों की संख्या काफी है और अपने इलाके के सजातीय वोटों पर आरपीएन सिंह की अच्छी खासी पकड़ मानी जाती है।