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किसान और श्रमिक विरोधी कानून के खिलाफ सपा कल राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेगी

समाजवादी पार्टी (सपा) किसानों एवं श्रमिकों के हितों पर आघात पहुंचाने वाले कानूनों के विरोध में 25 सितम्बर को प्रदेशव्यापी अभियान के तहत जिलाधिकारियों के माध्यम से राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन सौंपेगी।

समाजवादी पार्टी (सपा) किसानों एवं श्रमिकों के हितों पर आघात पहुंचाने वाले कानूनों के विरोध में 25 सितम्बर को प्रदेशव्यापी अभियान के तहत जिलाधिकारियों के माध्यम से राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन सौंपेगी।
सपा के राष्ट्रीय सचिव एवं प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने बृहस्पतिवार को बताया कि दल के अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा कार्यकर्ता किसानों एवं श्रमिकों के हितों पर आघात पहुंचाने वाले कृषि एवं श्रम कानूनों के विरोध में 25 सितम्बर को सभी जिलों में दो गज की दूरी बनाए रखते हुए जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को सम्बोधित ज्ञापन सौंपेंगे।
चौधरी ने कहा कि किसानों के हितों की अनदेखी करने वाला जो कृषि विधेयक भारत सरकार लाई है उससे किसान अपनी जमीन का मालिक न रहकर मजदूर हो जाएगा। कृषि उत्पादन मण्डी की समाप्ति और विधेयक में न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना सुनिश्चित न होने से किसान अब औने-पौने दामों पर अपनी फसल बेचने को मजबूर होगा।
उन्होंने कहा कि गेहूं और धान की फसल को आवश्यक वस्तु अधिनियम से हटाये जाने से किसान बड़े आढ़तियों और व्यापारिक घरानों की शर्तों पर अपनी फसल बेचने को मजबूर होंगे। चौधरी ने कहा, ‘‘संसद से पारित श्रमिक कानून से श्रमिकों के हित बुरी तरह प्रभावित होंगे।
अभी तक 100 कर्मचारियों वाले उद्योगों को बिना सरकारी अनुमति छंटनी का अधिकार नहीं था, नया कानून 300 कर्मचारियों वाले उद्योगों को भी जब चाहे छंटनी करने का अधिकार दे रहा है। इससे श्रमिकों में असुरक्षा की भावना बढ़ेगी और वे अपनी जायज मांग भी नहीं उठा सकेंगे। वे उद्योगपति के बंधुआ मजदूर बनकर रह जाएंगे।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के प्रति इन जनविरोधी कानूनों को लेकर भारी आक्रोश व्याप्त है। भाजपा सरकार श्रमिकों को रोजगार तो दे नहीं पा रही है, उल्टे उनको पूंजी घरानों की दया पर आश्रित बनाने की साजिश कर रही है। समाजवादी पार्टी इन साजिशों का पुरजोर विरोध करेगी।

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