उत्तर प्रदेश से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। दरअसल, बलिया जिले के एक सरकारी स्कूल में बच्चों को मध्याह्न् भोजन भत्ता नहीं मिलने के कारण छात्रों ने प्रधानाध्यापक सहित सभी शिक्षकों को स्कूल के एक कमरे में बंद कर दिया था। बच्चों के इस अनोखे विरोध प्रदर्शन के घटना के लिए जांच के आदेश दिए गए हैं। बैरिया प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पंकज मिश्रा ने कहा कि मीडिया के माध्यम से उनके संज्ञान में आये मामले की जांच की जायेगी। उन्होंने कहा, आरोप सही साबित होने पर सभी बच्चों को लंबित भत्ता तुरंत भेजा जाएगा।
स्कूल के छात्रों ने शिक्षकों को स्कूल में बंद कर दिया
जानकारी के अनुसार बैरिया क्षेत्र के दुर्जनपुर गांव स्थित कंपोजिट स्कूल के छात्रों ने शिक्षकों को स्कूल में बंद कर दिया। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग ने कोविड-19 लॉकडाउन अवधि के दौरान प्राथमिक विद्यालय के छात्रों को खाद्यान्न और मध्याह्न् भोजन भत्ता देने का निर्णय लिया था। तालाबंदी के कारण स्कूलों में मध्याह्न् भोजन नहीं पाने वाले छात्रों के पोषण लाभ की व्यवस्था की गई थी। यह पैसा छात्रों के अभिभावकों को भेजा जाना था।
कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के लिए भत्ता नहीं मिला
छात्रों का कहना है कि, उनमें से किसी को भी कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के लिए भत्ता नहीं मिला है। उन्होंने कहा, प्रधानाध्यापक से बार-बार शिकायत करने के बावजूद इस संबंध में अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। यही कारण है कि छात्रों को यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा। स्कूल के प्रधानाध्यापक प्रभारी जयप्रकाश यादव ने कहा कि चौथे चरण का मध्याह्न् भोजन भत्ता बच्चों को नहीं दिया गया।