उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और बीएसपी विधायक सुखदेव राजभर का निधन हो गया है। लम्बे वक़्त से बीमार राजभर ने सोमवार की रात दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन से सियासी गलियारे में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुखदेव राजभर ने निधन पर शोक जताते हुए दुःख व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजभर के निधन पर दुख जताया और कहा कि उन्होंने हमेशा गरीब और पिछड़े वर्ग से जुड़े मुद्दों को उठाया। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने भी राजभर के निधन पर शोक व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, "यूपी विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष, सुखदेव राजभर की मृत्यु एक अपूरणीय क्षति है। शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी संवेदना। उनकी आत्मा को शांति मिले। सामाजिक न्याय के लिए समर्पित उनका राजनीतिक जीवन हमेशा दूसरों को प्रेरित करता रहेगा।"उत्तर प्रदेश विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष एवं माननीय विधायक श्री सुखदेव राजभर जी का निधन अत्यंत दुःखद है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 18, 2021
प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व शोकाकुल परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।
ॐ शांति!
कौन थे सुखदेव राजभरअत्यंत दु:खद!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 18, 2021
यूपी विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ राजनेता श्री सुखदेव राजभर जी का निधन अपूरणीय क्षति।
शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना, दिवंगत आत्मा को शांति दे भगवान!
'सामाजिक न्याय' को समर्पित आप का राजनीतिक जीवन सदैव प्रेरणा देता रहेगा।
विनम्र श्रद्धांजलि! pic.twitter.com/DbHm2Wh5OE
70 वर्षीय सुखदेव राजभर ने अपना पहला चुनाव साल 1991के विधान सभा चुनाव में बीजेपी के नरेंद्र सिंह को 24 मतों से पराजित कर जीता और विधायक बने थे। 1993 में सपा-बीएसपीगठबंधन की सरकार में मंत्री बने। 1996 के चुनाव में बीजेपी के नरेंद्र सिंह से पराजित हुए। पराजित होने के बाद विधान परिषद सदस्य चुन लिए गए।
2002 के चुनाव और 2007 के चुनाव में फिर से जीते थे। 2007 और 2012 के बीच बीएसपी सरकार में यूपी विधानसभा के अध्यक्ष थे। वह आजमगढ़ के दीदारगंज निर्वाचन क्षेत्र से विधायक थे। राजभर सौम्य स्वभाव के राजनेता, बीएसपी में सबसे सम्मानित नेताओं में से एक थे और अध्यक्ष के रूप में उनका कार्यकाल बिना किसी विवाद के रहा था।
अगस्त में उन्होंने बीएसपी अध्यक्ष मायावती को पत्र लिखकर कहा था कि वह सक्रिय राजनीति से संन्यास लेना चाहते हैं। उनका बेटा समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हो गया है।