उन्होंने कहा, ''बोर्ड ने इसके लिये 9 लाख 29 हजार 400 रुपये की स्टाम्प ड्यूटी चुकायी है।'' उन्होंने कहा कि यह संपत्ति अब वक्फ बोर्ड की है। अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिये बने एक ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने जिलानी के आरोपों को खारिज करते हुये कहा कि हर व्यक्ति अपने तरीके से शरीया कानून की व्यख्या करता है। हुसैन ने कहा,''शरीया कानून की व्याख्या करने की शक्ति कुछ सीमित लोगों के हाथों में नहीं है। मस्जिद नमाज अदा करने की जगह है। इसलिये मस्जिद के निर्माण में गलत क्या है।''जिलानी के आरोपों पर जवाब देते हुये हुसैन ने उन पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया।