गन्ने की फसल को लेकर विपक्ष की बयानबाज़ी पर उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने तीखा पलवार किया है। विपक्ष पर घड़ियाली आंसू बहाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें (विपक्ष) बताना चाहिए कि गन्ना किसानों के हित में क्या किया। उन्होंने पूर्व की सपा, बसपा सरकार पर जमकर निशाना साधा।
गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने बुधवार को जारी बयान में बोले यह वही लोग हैं जिनके कार्यकाल में कौड़ियों के भाव कई चीनी मिलें बेच दी गयीं। किसानों के मसीहा रहे चौधरी चरण सिंह की कर्मस्थली में स्थित रमाला चीनी मिल के आधुनिकीकरण की दशकों पुरानी मांग को अनसूनी करते रहे। इनके कार्यकाल में करोड़ों रुपये का गन्ना मूल्य बकाया रहा। इसके कारण बड़ी संख्या में किसानों ने खुदकुशी की। तमाम किसानों ने गन्ने की खेती से तौबा कर किया। किसानों के नकली और सीजनल हमदर्दों के आंसू तब क्यों सूख गये थे।
“मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्ग निर्देशन में गन्ना मूल्य का रिकॉर्ड भुगतान, रिकॉर्ड पेराई, रिकॉर्ड उत्पादन और चीनी परता जैसी उपलब्धियां क्यों नहीं दिखती। वैश्विक महामारी कोरोना के संकट के दौरान जब देश-दु़निया में सारी गतिविधियां ठप पड़ गई थीं, उस समय योगी के निर्देशन में प्रदेश की सभी मिलों का सफलता से संचलन, कोरोना के खिलाफ जंग में प्रमुख सैनिटाइजर का रिकार्ड उत्पादन भी इनको नहीं दिखता। दिखेगा भी नहीं, क्योंकि इनको ²ष्टिदोष है।”
गन्ना मंत्री ने कहा कि जनता और किसानों को सब पता है। गन्ने के मामले बाल की खाल निकालने वालों के लिए ये आंकड़े ही जवाब है। मौजूदा सरकार ने सपा और बसपा कार्यकाल की तुलना में अधिक भुगतान किया है। बसपा सरकार के कार्यकाल 2007- 2008 से 2011- 2012 के दौरान 52131 करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान हुआ। इसी तरह सपा सरकार के कार्यकाल 2012- 2013 से 2016-2017 के दौरान 95215 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ। दोनों सरकारों के 10 साल के कार्यकाल के दौरान कुल भुगतान हुआ 1,47,346 करोड़ रुपये। जबकि योगी सरकार के अब तक के कार्यकाल में 1,22,251 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है। प्रदेश में प्रति क्विंटल गन्ने का औसत मूल्य देश के औसत मूल्य से अधिक है।
“गन्ने के बढ़े रकबे एवं परते। रिकार्ड पेराई और चीनी उत्पादन के कारण मिलों के पास सरप्लस स्टॉक है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी के भावों में मंदी है। बावजूद इसके योगी सरकार ने किया है, वह खुद में रिकॉर्ड है। विपक्ष को यह भले न दिखे पर जनता सब देख रही है। इनके झूठ का जवाब भी दे रही है। आगे भी देगी।” “सरकार ने नई खांडसारी इकाइयों की स्थापना के लिए 25 सालों में पहली बार 243 नई खांडसारी इकाइयों की स्थापना के लिए लाइसेंस जारी किये गए। जिनमें से 133 इकाइयां संचालित हो चुकी हैं। इन इकाइयों में 273 करोड़ का पूंजी निवेश होने के साथ करीब 16,500 लोगों को रोजगार मिलेगा। और 243 नई खांडसारी इकाइयों की स्थापना होने पर 50 हजार लोग रोजगार पायेंगे।”
“बंद चीनी मिलों को चलवाया। पिछली सरकारों में 2007-2017 तक 21 चीनी मिलें बंद की गईं। जबकि योगी सरकार नें बीस बंद पड़ी चीनी मिलों को फिर शुरू कराया। जिसके तहत पिपराइच-मुंडेरवा में नई चीनी मिलें लगाकर शुरू कराईं। उत्तर भारत मे सिर्फ मुंडेरवा में गन्ने के जूस से सीधे एथनॉल बनेगा। इसके अलावा यूपी में सल्फरलेस चीनी का भी उत्पादन होगा। बंद पड़ी रमाला चीनी मिल की क्षमता बढ़ाकर उसे चलवाया गया।”