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ताजमहल : आम दिनों के मुकाबले शनिवार और रविवार को होती है पर्यटकों की भीड़

कोरोना संक्रमण के कारण 188 दिनों तक बंदी के बाद ताजमहल 21 सितंबर को आम पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। धीरे-धीरे पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है।

कोरोना संक्रमण के कारण 188 दिनों तक बंदी के बाद ताजमहल 21 सितंबर को आम पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। धीरे-धीरे पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है। हालांकि आम दिनों के मुकाबले शनिवार और रविवार को पर्यटकों की संख्या अच्छी खासी रहती है।
इस साल कोरोना वायरस संक्रमण के चलते अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स आरंभ नही हुई हैं। इसके चलते ताजमहल देखने आने वाले विदेशियों की संख्या न के बराबर ही है। ताजमहल में एक दिन के अंदर अधिकतम पांच हजार टिकट ही बुक हो सकती हैं। यानी सुबह व दोपहर के स्लॉट में 2500-2500 पर्यटक ही ताज का दीदार कर सकते हैं।
कोरोना महामारी के चलते 17 मार्च से संस्कृति मंत्रालय ने एहतियात बरतते हुए ताजमहल को बंद कर दिया था। लेकिन ठीक 188 दिनों बाद ताजमहल को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने  बताया, ताजमहल के दीदार के लिए हर दिन दो हजार से ढाई हजार लोग आ रहे हैं।
इन हालातों में इतने पर्यटक आ रहे हैं ये भी बहुत है। इन पर्यटकों में अधिकतर स्थानीय लोग हैं। लेकिन दूसरे राज्यों से भी पर्यटक जो ताजमहल का दीदार करने आ रहे हैं। इनमें हर दिन 2-4 विदेशी पर्यटक भी शामिल होते हैं। हालांकि अधिकारी भविष्य में और अच्छी उम्मीद लगाए बैठे हुए हैं।
कोविड 19 से पहले ताजमहल का दीदार करने वालों की संख्या लाखों में हुआ करती थी। ताजमहल घूमने के दौरान पर्यटकों को कोविड 19 नियमों का पूरी तरह से पालन करना होता है। इसी नियम के तहत पर्यटकों को ताजमहल की ऑनलाइन टिकट बुक करनी होती है।
ताजमहल में टिकट काउंटर को बंद कर दिया गया है। जिसका फायदा ताजमहल के आस पास घूमने वाले ‘लपको’ को हो रहा है। यानी ये वो लोग हैं जो पर्यटकों को फर्जी बातों में फंसा कर महंगे दामों में टिकट बेच देते हैं। जिसकी वजह से पर्यटकों को काफी परेशानी होती है।
यही नहीं ताजमहल अधिकारियों को भी आए दिन इन लोगों की शिकायतें मिल रही हैं। ताजमहल में कार्यरत एक अधिकारी ने बताया, ये लोग पहले ही ऑनलाइन टिकट निकाल लेते हैं। इसके बाद ये पर्यटकों को बेच देते हैं, ये बोलकर की आगे टिकट नहीं मिलेगी, खत्म हो गई है। ये सभी लोग इन कामों में काफी सक्रिय हैं।
हर दिन 20 से 25 लोगों की हमारे पास शिकायत आ रही है। वहीं हमने इस मसले पर जिलाधिकारी को भी सूचित किया है, साथ ही पुलिस को भी पत्र लिख जानकारी दी है और कहा है कि आस पास थोड़ा गश्त बढ़ाया जाए। हालांकि कुछ दिन ठीक रहा लेकिन अब फिर वही हालात हो गए हैं।
दरअसल ताजमहल में विकेंड्स पर दोपहर के स्लॉट की सभी टिकटें बुक हो जाती हैं। वहीं जो पर्यटक एडवांस में बुकिंग नहीं करा पाते हैं, उनको बाद में टिकट नहीं मिल पाती, जिसकी वजह से उन्हें लौटना भी पड़ता है। ताजमहल में टिकट विंडो बंद हैं और केवल आनलाइन ही टिकट बुकिंग हो रही है।
इंस्पेक्टर पर्यटन इकबाल हैदर ने बताया, ये सभी स्थानीय लोग हैं, गली नुक्कडों में ये सभी इन घटनाओं को अंजाम देते हैं। इन लोगों की कोई पहचान नहीं होती, ये कोई भी हो सकता है। हम इन जैसे लोगों पर नजर बनाए रखते हैं। ये खाली हाथ घूमते हैं। ये यहीं के निवासी होते हैं, कोई ऐसा पर्यटक दिखता है जिसके पास टिकट नहीं होती है, उन्हें जाकर बेच देते हैं।
उन्होंने कहा, टिकट पर पर्यटक का नाम होगा तो आईडी से मिलान कर उसकी तस्दीक की जा सकेगी। इससे ऐसे लोग टिकट बुक कराकर नहीं बेच सकेंगे। दरअसल वर्तमान में ऑनलाइन टिकट बुक करते समय केवल मोबाइल फोन नंबर या ईमेल आईडी ही पूछी जा रही है।
टिकटों पर भी पर्यटकों का नाम अंकित नहीं हो रहा है। इसका फायदा ‘लपके’ उठा रहे हैं और वो पहले ही बल्क में टिकटें बुक करा ले रहे हैं। इससे पर्यटकों को टिकट नहीं मिल पाता। बाद में वो 45 रुपये में बुक कराई टिकट 250 रुपये से 350 रुपये तक में बेच देते हैं।

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