उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती मामले पर सोमवार को बड़ा फैसला हुआ। बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सहायक शिक्षकों की चयन सूची दोबारा तैयार करने का आदेश दिया है। इसी बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल खड़े कर दिए है।
उन्होंने ट्वीट कर योगी सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार हक मारने के लिए माया जाल में फंसाती है।उन्होंने कहा 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आया फ़ैसला, आरक्षण की मूल भावना की विरोधी भाजपा सरकार की ढीली पैरवी का नतीजा है। भाजपा दलित-पिछड़ों का हक मारने के लिए आरक्षण को विधायी माया जाल में फँसाती है। जातीय जनगणना ही इस समस्या का सही समाधान है जिससे कि जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण हो सके।
69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आया फ़ैसला, आरक्षण की मूल भावना की विरोधी भाजपा सरकार की ढीली पैरवी का नतीजा है।
भाजपा दलित-पिछड़ों का हक़ मारने के लिए आरक्षण को विधायी माया जाल में फँसाती है। जातीय जनगणना ही इस समस्या का सही समाधान है जिससे कि जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण हो सके।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 15, 2023
दरअसल, हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की पूरी सूची दोबारा तैयार की जाए। लखनऊ हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की वर्तमान सूची गलत थी। हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया कि सरकार को सरकारी सूची में उम्मीदवारों के गुणांक, श्रेणी और उपश्रेणी सहित पूर्ण 27% और 21% ओबीसी-एससी आरक्षण दिखाना होगा।