चुनाव आयोग ने मेरठ में एक रैली के दौरान ‘‘अली’’ और ‘‘बजरंग अली’’ वाली टिप्पणी करने को लेकर गुरूवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कारण बताओ नोटिस जारी किया। आयोग का मानना है कि प्रथम दृष्टया योगी ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है। आयोग ने उनसे शुक्रवार की शाम तक जवाब देने को कहा है।
योगी ने लोकसभा चुनावों की तुलना इस्लाम में अहम शख्सियत ‘अली’ और हिंदू देवता ‘बजरंगबली’ के बीच मुकाबले से की थी। बीजेपी नेता ने कहा था, ‘‘अगर कांग्रेस, सपा, बसपा को अली पर विश्वास है तो हमें भी बजरंग बली पर विश्वास है।’’ योगी ने देवबंद में बसपा प्रमुख मायावती के उस भाषण की तरफ इशारा करते हुए यह टिप्पणी की थी जिसमें मायावती ने मुस्लिमों से सपा-बसपा गठबंधन को वोट देने की अपील की थी।
वहीं योगी ने 31 मार्च को गाजियाबाद में चुनावी रैली में कहा था कि कांग्रेस के लोग आतंकवादियों को बिरयानी खिलाते थे और ‘मोदी जी की सेना’ आतंकवादियों को गोली और बम से स्वागत करती है। उनके इस बयान की कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने काफी आलोचना की थी।
कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे सेना का अपमान बताते हुए कहा था कि ये भारत के सशस्त्र बल हैं, ‘प्रचार मंत्री की निजी सेना नहीं’। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी सीएम योगी आदित्यनाथ पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया था।