उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (यूपी एटीएस) और स्थानीय पुलिस ने भारत में टेरर फंडिंग नेटवर्क का खुलासा करते हुए लखीमपुर खीरी के निघासन क्षेत्र से गुरुवार रात चार संदिग्ध युवकों को गिरफ्तार किया है।
राज्य के पुलिस महानिदेशक ओपी ने शुक्रवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि निघासन पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने खीरी निवासी उम्मेद अली, संजय अग्रवाल, एजाज अली और बरेली निवासी समीर सलमानी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों के पास से पौने पांच लाख रुपये की भारतीय और एक लाख 35 हजार की नेपाली मुद्रा बरामद की गई है।
उन्होंने बताया कि मामले की जांच एटीएस कर रही है। उन्होंने बताया कि एसटीएस आरोपियों के मोबाईल कॉल के माध्यम से नेटवर्क से जुड़ लोगों की तलाश में लगी है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में पड़सी नेपाल पुलिस से भी संपर्क किया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि यूपी एटीएस ने टेरर फंडिंग के नए रुट का खुलासा किया है। इस पैसा भारत के बैंकों में आने की बजाए नेपाल के बैंकों में आ रहा है और वहा से लोगों के माध्यम से आतंकवादियों के पास पहुंच रहा है।
श्री सिंह ने बताया कि एटीएस ने रडार पर पिछले कुछ दिनों से नेपाल से सटे लखीमपुर खीरी के कुछ युवक थे। एटीएस के पास इनपुट था कि पिछले साल टेरर फंडिंग नेटवर्क से जुड़ कुछ लोगों से ये युवक संपर्क में थे।
उन्होंने बताया कि पकड़ गये लोगों ने पूछताछ पर बताया कि विदेशों से नेपाल के अलग-अलग बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर किया जाता है और बाद में नेपाल के खातों से नेपाली करेंसी में ये रकम निकालकर भारत पहुंचाई जाती थी। बाद में लखीमपुर निवासी संजय अग्रवाल के माध्यम से नेपाली मुद्रा को भारतीय नोटों में बदला जाता था। इसके बाद बरेली, लखीमपुर के जरिए नई दिल्ली पहुंचाई जाती थी।
डीजीपी के अनुसार इस नेटवर्क से जुड़ अहम आदमी मुमताज की तलाश की जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके पहले एटीएस ने ऐसे लोगों को पकड़ जो पाकिस्तान हैंडिलर भारतीय को ठगी कर उनके खाते में पैसा डालते थे। उन्होंने बताया कि नई दिल्ली से यह धनराशि आतंकी और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल करने के लिए भेजी जाती थी।