प्रश्न पत्र लीक होने की वजह से रविवार को होने वाली उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के रद्द होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार अभ्यर्थियों के साथ खड़ी है, जबकि विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ भाजपा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इसे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया।
उप्र टीईटी परीक्षा के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, “उप्र टेट का पेपर लीक करने वाले गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।’’
उन्होंने कहा कि दोषियों को चिह्नित कर त्वरित कार्रवाई की जा रही है।
योगी ने कहा, “दोषियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उनकी संपत्ति भी जब्त की जाएगी।” एक अन्य ट्वीट में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सरकार अभ्यर्थियों के साथ खड़ी है। एक माह के अंदर पारदर्शी तरीके से पुनः परीक्षा आयोजित होगी। किसी भी अभ्यर्थी से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा।” उन्होंने कहा, “परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को आने-जाने के वास्ते परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा दी जाएगी।”
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती और एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इसे लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ बताया।
कांग्रेस महासचिव एवं उत्तर प्रदेश मामलों की प्रभारी प्रियंका गांधी वाद्रा ने रविवार को ट्वीट किया, “भर्तियों में भ्रष्टाचार, पेपर आउट ही भाजपा सरकार की पहचान बन चुकी है। आज यूपी टेट का पेपर आउट होने की वजह से लाखों युवाओं की मेहनत पर पानी फिर गया।” प्रियंका ने कहा, “हर बार पेपर आउट होने पर योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने भ्रष्टाचार में शामिल बड़ी मछलियों को बचाया है, इसलिए भ्रष्टाचार चरम पर है।”
सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को ट्वीट किया “ उप्र टेट 2021 की परीक्षा का पेपर लीक होने की वजह से रद्द होना बीसों लाख बेरोजगार अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। भाजपा सरकार में पेपर लीक होना, परीक्षा एवं परिणाम रद्द होना आम बात है।” उन्होंने आरोप लगाया, “उप्र में शैक्षिक भ्रष्टाचार के चरम पर है।” यादव ने कहा, “बेरोज़गारों का इंकलाब होगा~बाइस में बदलाव होगा!“
बसपा प्रमुख मायावती ने अपने ट्वीट में कहा, “जिस प्रकार सपा सरकार में नकल आम बात होती थी, उसी प्रकार भाजपा सरकार में भी पेपर लीक होने से यूपी में शिक्षकों की भर्ती के लिए आज की उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) का रद्द हो जाना अति-गंभीर मामला है। करीब 21 लाख परीक्षार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ उचित नहीं।”
उन्होंने कहा, “यूपी सरकार इस ताजा घटना को पूरी गंभीरता से लेकर इसकी अति-शीघ्र उच्च-स्तरीय जांच कराए जाने एवं दोषियों को सख्त कानूनी सजा सुनिश्चित करे तथा आगे यथाशीघ्र इस परीक्षा को सुचारू रूप से कराने की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करे,बसपा की यह मांग है।”
बलरामपुर से मिली खबर के अनुसार आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने यहां शोषित वंचित समाज के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश में टीईटी का प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज किया और कहा कि बाबा जी की ठोक दो पॉलिसी में टीईटी का पेपर कैसे लीक हो गया। उन्होंने कहा कि सरकार की कमजोरियों की वजह से 20 लाख बच्चों और बच्चियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। आवैसी ने दावा किया कि योगी आदित्यनाथ अब टीईटी का नाम बदल देंगे।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में रविवार को होने वाली उप्र अध्यापक पात्रता परीक्षा परीक्षा -2021 प्रश्न पत्र लीक होने की वजह से स्थगित कर दी गई और पुलिस ने इस मामले में प्रश्न पत्र लीक करने वाले गिरोह के 26 से अधिक सदस्यों को राज्य के विभिन्न जिलों से गिरफ्तार किया है। यह परीक्षा राज्य के सभी 75 जिलों के 2,736 परीक्षा केंद्रों पर होनी थी और इसमें 19 लाख 99 हजार 418 परीक्षार्थियों को शामिल होना था।