देश में होने वाले विधनसभा चुनावों से पूर्व उत्तर प्रदेश में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी की कार पर 2 लोगों ने गोलियां चलाईं थी। इसके तुरंत बाद दोनों हमलावरों सचिन और शुभम को गिरफ्तार कर लिया गया था, अब उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट के अनुसार, दोनों हमलावरों ने ओवैसी पर हमला करने की बात स्वीकार की है। उनके हमले का मकसद यह था कि वे दूसरे समुदाय के एक बड़े राजनेता की हत्या करके ‘हिंदुत्व नेता’ बनना चाहते थे।
क्यों किया गया ओवैसी पर हमला?
चार्जशीट में आगे कहा गया है कि ”पूरी तैयारी के साथ लोकसभा सांसद को निशाना बनाकर जान से मारने की कोशिश की गई। अगर हमले में कोई घायल होता तो राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ जाती। कुछ असामाजिक तत्वों ने स्थिति को और बढ़ा दिया होता। पुलिस ने आरोपपत्र में सबूत के तौर पर हमले के सीसीटीवी फुटेज के अलावा कार की फॉरेंसिक जांच और दोनों मुख्य आरोपियों या हमलावरों के बयान भी पेश किए हैं।चार्जशीट में ओवैसी के बयान को भी शामिल किया गया है, इसमें कुल 61 लोगों के बयान शामिल किए गए हैं। घटना में भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जानिए क्या है पूरा ओवैसी कार हमला
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी 3 फरवरी को उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक चुनावी कार्यक्रम के बाद दिल्ली वापस जा रहे थे, जब उनके वाहन पर छजरसी टोल प्लाजा के पास गोलीबारी की गई। हापुड़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के मुताबिक मुख्य आरोपी सचिन ने गोलियां चलाई थीं। उसके पास से 9 एमएम की पिस्टल बरामद हुई है। पुलिस ने मामले में सचिन और शुभम को गिरफ्तार किया है। हमले के बाद केंद्र ने ओवैसी को जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की थी, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया और कहा कि वह केवल निष्पक्ष जांच चाहते हैं।