समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने गोरखपुर जिले में कथित रूप से पुलिस कर्मियों द्वारा बर्बरतापूर्ण पिटाई किए जाने से एक कारोबारी की मौत के मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है।
योगी सरकार पर जमकर बरसे अखिलेश यादव
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को कानपुर जाकर मृतक व्यवसायी के परिजन से मुलाकात की। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि इस घटना में तब तक न्याय मिलना मुश्किल है जब तक मामले की सीबीआई से या उच्च न्यायालय के किसी सेवारत न्यायाधीश की निगरानी में जांच ना हो।
सपा ने योगी सरकार के शासन को बताया जनता के लिए असुरक्षित
सपा के एक प्रवक्ता ने बताया कि पिछले सोमवार को गोरखपुर के रामगढ़ ताल इलाके के एक होटल में देर रात पुलिस द्वारा बेरहमी से पिटाई किए जाने के कारण जान गंवाने वाले व्यापारी मनीष गुप्ता के परिजनों से कानपुर में मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से अखिलेश ने कहा कि लोगों को सुरक्षा देना पुलिस की जिम्मेदारी है लेकिन उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में पुलिस सुरक्षा देने के बजाय लोगों की जान ले रही है।
सीबीआई जांच से ही मिलेगा न्याय – सपा
उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व में झांसी में भी ऐसी ही घटना हुई थी जिसमें पुलिसकर्मियों ने पुष्पेंद्र यादव नामक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। अखिलेश ने कहा गोरखपुर की घटना में तब तक न्याय मिलना मुश्किल है जब तक सीबीआई जांच या उच्च न्यायालय के किसी सेवारत न्यायाधीश की निगरानी में जांच ना हो।
उन्होंने मृतक के परिवार को दो करोड़ रुपये की मदद और मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग करते हुए ऐलान किया कि समाजवादी पार्टी भी परिवार को 20 लाख रुपये की सहायता देगी।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी यूपी सरकार को घेरा
उधर, बसपा मुखिया मायावती ने भी एक ट्वीट कर कहा कि घटना की गंभीरता और परिवार की व्यथा को देखते हुए मामले की सीबीआई जांच जरूरी है। बसपा अध्यक्ष मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, “गोरखपुर की पुलिस द्वारा तीन व्यापारियों के साथ होटल में बर्बरता व उसमें से एक की मौत के प्रथम दृष्टया दोषी पुलिसवालों को बचाने के लिए मामले को दबाने का प्रयास घोर अनुचित है। घटना की गंभीरता और परिवार की व्यथा को देखते हुए मामले की सीबीआई जाँच जरूरी है।”
1. यूपी सीएम के गृह जनपद गोरखपुर की पुलिस द्वारा तीन व्यापारियों के साथ होटल में बर्बरता व उसमें से एक की मौत के प्रथम दृष्टया दोषी पुलिसवालों को बचाने के लिए मामले को दबाने का प्रयास घोर अनुचित। घटना की गंभीरता व परिवार की व्यथा को देखते हुए मामले की सीबीआई जाँच जरूरी।
— Mayawati (@Mayawati) September 30, 2021
पीड़ित परिवार को न्याय और उचित मदद की मांग
उन्होंने कहा , “आरोपी पुलिसवालों के विरूद्ध पहले हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं करना, और फिर जन आक्रोश के कारण मुकदमा दर्ज होने के बावजूद उन्हें गिरफ्तार नहीं करना, सरकार की नीति व नीयत दोनों पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। सरकार पीड़िता को न्याय, उचित आर्थिक मदद व सरकारी नौकरी दे, बसपा की यही मांग है।”
2. आरोपी पुलिसवालों के विरूद्ध पहले हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं करना किन्तु फिर जन आक्रोश के कारण मुकदमा दर्ज होने के बावजूद उन्हें गिरफ्तार नहीं करना सरकार की नीति व नीयत दोनों पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। सरकार पीड़िता को न्याय, उचित आर्थिक मदद व सरकारी नौकरी दे, बीएसपी की माँग।
— Mayawati (@Mayawati) September 30, 2021
क्या है मामला
गौरतलब है कि गत सोमवार को देर रात गोरखपुर जिले के रामगढ़ ताल इलाके में एक होटल में पूछताछ के दौरान कथित रूप से पुलिस द्वारा मारे पीटे जाने से कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता (36) की मृत्यु हो गई थी। इस मामले में आरोपी छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। सभी को निलंबित भी किया जा चुका है।