काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवपी मस्जिद विवाद के बीच अब मथुरा में कृष्णजन्मभूमि से सटे विवादित शाही ईदगाह मस्जिद को सील करतने की याचिका मथुरा कोर्ट में दायर की गई है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि अगर इस परिसर को सील नहीं किया गया तो मंदिर के गर्भगृह समेत अन्य पुरातात्विक मंदिर के अवशेषों को हटाया या नुकसान पहुंचाया जा सकता है। इसके साथ ही मथुरा की विवादित मस्जिद में वीडियोग्राफी करने की मांग की गई है।
ज्ञानवापी के बाद मथुरा मस्जिद पर हुआ बवाल
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ द्वारा पिछले सप्ताह स्थानीय मथुरा अदालत को कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद से संबंधित सभी मामलों को चार महीने के भीतर निपटाने का निर्देश देने के एक दिन बाद, एक वकील आयुक्त से सर्वेक्षण की निगरानी करने की मांग वाली याचिका दायर की गई थी।
याचिकाकर्ता ने की तत्काल सर्वे की मांग, बताई यह वजह
12 मई को हाई कोर्ट ने स्थानीय मथुरा अदालत को निर्देश जारी करते हुए कहा था कि सिविल जज आवेदनों को चार महीने की अवधि के अंदर तय करेंगे। नारायणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव (याचिकाकर्ता) ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैंने मथुरा की अदालत से एक वरिष्ठ अधिवक्ता की मौजूदगी में शाही ईदगाह का सर्वे कराने का अनुरोध किया, क्योंकि मस्जिद के अंदर अभी भी हिंदू धर्म के अवशेष हैं। ये महत्वपूर्ण तथ्य हैं और इन्हें हटाने या मिटाने का प्रयास किया जा सकता है। अदालत मेरे आवेदन पर एक जुलाई को विचार कर सकती है।
मथुरा मस्जिद विवाद पर अब तक दर्ज हुए हैं 9 मामले
शाही ईदगाह मस्जिद और कृष्णा जन्मभूमि को लेकर अब तक मथुरा कोर्ट में कुल नौ मामले दर्ज हो चुके हैं। स्थानीय अदालत 1 जुलाई को अपना फैसला सुना सकती है। याचिकाकर्ताओं में से एक रंजना अग्निहोत्री ने कृष्ण जन्मभूमि की भूमि पर बनी मस्जिद को हटाने की मांग की थी। अपनी याचिका में उन्होंने दावा किया है कि मस्जिद का निर्माण औरंगजेब के आदेश पर 1669-70 में श्रीकृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ जमीन पर हुआ था।
ज्ञानवापी के बाद मथुरा मस्जिद पर हुआ बवाल
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ द्वारा पिछले सप्ताह स्थानीय मथुरा अदालत को कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद से संबंधित सभी मामलों को चार महीने के भीतर निपटाने का निर्देश देने के एक दिन बाद, एक वकील आयुक्त से सर्वेक्षण की निगरानी करने की मांग वाली याचिका दायर की गई थी।
याचिकाकर्ता ने की तत्काल सर्वे की मांग, बताई यह वजह
12 मई को हाई कोर्ट ने स्थानीय मथुरा अदालत को निर्देश जारी करते हुए कहा था कि सिविल जज आवेदनों को चार महीने की अवधि के अंदर तय करेंगे। नारायणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव (याचिकाकर्ता) ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैंने मथुरा की अदालत से एक वरिष्ठ अधिवक्ता की मौजूदगी में शाही ईदगाह का सर्वे कराने का अनुरोध किया, क्योंकि मस्जिद के अंदर अभी भी हिंदू धर्म के अवशेष हैं। ये महत्वपूर्ण तथ्य हैं और इन्हें हटाने या मिटाने का प्रयास किया जा सकता है। अदालत मेरे आवेदन पर एक जुलाई को विचार कर सकती है।
मथुरा मस्जिद विवाद पर अब तक दर्ज हुए हैं 9 मामले
शाही ईदगाह मस्जिद और कृष्णा जन्मभूमि को लेकर अब तक मथुरा कोर्ट में कुल नौ मामले दर्ज हो चुके हैं। स्थानीय अदालत 1 जुलाई को अपना फैसला सुना सकती है। याचिकाकर्ताओं में से एक रंजना अग्निहोत्री ने कृष्ण जन्मभूमि की भूमि पर बनी मस्जिद को हटाने की मांग की थी। अपनी याचिका में उन्होंने दावा किया है कि मस्जिद का निर्माण औरंगजेब के आदेश पर 1669-70 में श्रीकृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ जमीन पर हुआ था।